राजीव गांधी पर निबंध Essay on Rajiv Gandhi in Hindi

इस अनुच्छेद मे हमने राजीव गांधी पर निबंध Essay on Rajiv Gandhi in Hindi लिखा है। यह लेख 800 शब्दों मे लिखा गया है। इसमे हमने उनके विषय मे लघु रूप मे बताया है।

राजीव गांधी भारत के सबसे बड़े युवा प्रधानमंत्री थे उन्होंने भारतवर्ष को एक नई ऊर्जा और शक्ति प्रदान की है। राजीव गांधी बहुत ही उदार स्वभाव के व्यक्ति थे जो भारत के 7वें प्रधानमंत्री हुए थे। इनके जैसे युवा नेता की वजह से आज पूरा देश कंप्यूटर के युग में आगे आया है और भारत को एक वैज्ञानिक दिशा भी मिली है।

राजीव गांधी का जन्म सन् 20 अगस्त 1944 ई. में मुंबई में हुआ था उनके पिता का नाम फिरोज गांधी एवं माता का नाम श्रीमती इंदिरा गांधी था। राजीव गांधी भारत के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी एवं स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के नाती थे।

राजीव गांधी की प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली की एक स्कूल शिव निकेतन में हुई थी। सन् 1954 ई. में आगे की पढ़ाई के लिए राजीव गांधी ने देहरादून के वेल्लम विद्यालय में दाखिला लिया था।

वहां से आईएससी की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद सीनियर कैंब्रिज में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए इंग्लैंड चले गए। पढ़ाई खत्म होने के बाद राजीव गांधी ने विमान संचालन का प्रशिक्षण भी प्राप्त किया था।

पढ़ें: राजीव गांधी का जीवन परिचय

सन् 1981 ई. में अमेठी से सांसद का चुनाव जीतकर राजीव गांधी ने सन् 1983 ई. में कांग्रेस पार्टी के महासचिव पद पर सुशोभित हुए थे। 31 अक्टूबर सन् 1984 में इंदिरा गांधी की मृत्यु के बाद प्रधानमंत्री पद के कार्यकारी के रूप में शपथ ग्रहण की थी।

31 अक्टूबर सन् 1984 ई. को राजीव गांधी की माता इंदिरा गांधी को उनके ही एक सिख् बॉडीगार्ड ने हत्या कर दी थी जिसके तुरंत बाद कांग्रेस के सदस्यों ने मिलकर पूरी बागडोर इनके कंधों पर डाल दी।

देश के युवाओं के रोज़गार में भी बहुत योगदान दिया था। राजीव गांधी ने कई बड़े फैसले भी लिए जिसमें श्रीलंका में शांति सेना भेजना, मिज़ोरम, असम एवं पंजाब समझौता भी शामिल था।

राजीव गांधी देश की युवा शक्ति को बढ़ावा देते थे क्योंकि उनका मानना था कि देश का विकास युवाओं से ही हो सकता है। इसीलिए उन्होंने युवाओं को मत अधिकार दिया।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी को एक नई गति और दिशा देने के लिए प्रयास किए और देश में पहली बार टेक्नोलॉजी मिशन भी एक संस्थागत रूप से देश में आया। राजीव गांधी ने देश को एक समृद्ध और शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में 21वीं सदी की ओर ले जाने का नारा देकर जनता में एक नई आस जगाई थी।

कृतज्ञ भारतवासी देश की प्रगति में उनके योगदान को कभी भुला नहीं सकते उनका व्यक्तित्व एवं उनकी कार्यप्रणाली सदैव देश की युवा वर्ग का मार्गदर्शन करती रहेगी।

rajiv gandhi essay in hindi

Similar Posts

2020 मुहर्रम त्यौहार पर निबंध muharram festival history essay in hindi, अमानसीओ ओर्टेगा की जीवनी amancio ortega biography in hindi, धीरूभाई अंबानी की जीवनी biography of dhirubai ambani in hindi, एलन मस्क की जीवनी biography of elon musk in hindi, दादी माँ पर निबंध essay on grandmother in hindi, ऊष्मीय या थर्मल प्रदूषण पर निबंध essay on thermal pollution in hindi, leave a reply cancel reply, one comment.

HindiSwaraj

राजीव गाँधी पर निबन्ध | Rajeev Gandhi Essay in Hindi | Essay in Hindi | Hindi Nibandh | हिंदी निबंध | निबंध लेखन | Essay on Rajeev Gandhi in Hindi

By: savita mittal

राजीव गाँधी का जीवन परिचय | Rajeev Gandhi Essay in Hindi

प्रधानमन्त्री के रूप में राजीव गाँधी, राजीव गाँधी का योगदान | राजीव गाँधी पर निबन्ध, राजीव गांधी पर निबंध | rajiv gandhi par nibandh in hindi | essay on rajiv gandhi in hindi video.

राजीव गांधी जैसे युवा नेता की दूरदर्शिता के फलस्वरूप ही देश कम्प्यूटर युग में प्रवेश कर सका है। जब कम्प्यूटर के क्षेत्र में अध्ययन एवं अनुसन्धान के प्रयासों को उन्होंने बल देना शुरू किया था, तो लोगों ने इससे बेरोजगारी बढ़ने की बात कहकर उनकी तीव्र आलोचना की थी, किन्तु आज देश की प्रगति में कम्प्यूटर की उपयोगिता एवं भूमिका से यह स्वाभाविक रूप से अन्दाजा लगाया जा सकता है कि राजीव गाँधी अपने समय से कितना आगे चलते हुए पूरी सूझ-बूझ से निर्णय लिया करते थे।

भारत आज सूचना प्रौद्योगिकी की सुपर शक्ति बन चुका है और इसमें कम्प्यूटर की भूमिका । अहम है। राजीव गांधी के नेतृत्व में देश ने आधुनिकीकरण एवं खुशहाली के नए युग में प्रवेश किया।

यहाँ पढ़ें :  1000 महत्वपूर्ण विषयों पर हिंदी निबंध लेखन यहाँ पढ़ें :   हिन्दी निबंध संग्रह यहाँ पढ़ें :   हिंदी में 10 वाक्य के विषय

राजीव गाँधी का जन्म 20 अगस्त, 1944 को बम्बई (मुम्बई) में हुआ था। उनके नाना जवाहरलाल नेहरू ने उनका नाम राजीव रत्न’ रखा। उनके पिता फिरोज गाँधी, माँ इन्दिरा गाँधी एवं नाना जवाहरलाल नेहरू, जो देश की स्वतन्त्रता। के लिए संघर्ष कर रहे थे, के संघर्षो को देखकर सम्भवत: एक दिन राजीव गाँधी भी इस लड़ाई में कूद पड़ते, किन्तु सौभाग्यवश 15 अगस्त, 1947 को देश को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति मिल गई।

आजादी के बाद जब राजीव गाँधी के नाना जवाहरलाल नेहरू देश के प्रथम प्रधानमन्त्री बने, तो वे माँ एवं छोटे भाई संजय गांधी के साथ दिल्ली के मौनमूर्ति भवन में रहने आ गए। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा यहाँ के एक स्कूल शिव निकेतन में हुई।

वर्ष 1954 में आगे की पढ़ाई के लिए राजीव को देहरादून के वेन्हम विद्यालय भेजा गया। वहाँ से आईएससी की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद वे सीनियर कैम्ब्रिज में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए इग्लैण्ड चले गए। वहाँ ट्रिनिटी कॉलेज से इन्होंने मैकेनिकल इंजीनियर की डिग्री प्राप्त की।

पढ़ाई खत्म करने के बाद वे दिल्ली फ्लाइंग क्लब के सदस्य बने गया।विमान संचालन का प्रशिक्षण प्राप्त किया। जब वे कैम्ब्रिज में पढ़ाई कर रहे थे, तब उनकी माँ इन्दिरा गाँधी वर्ष 1966 में की प्रथम महिला प्रधानमन्त्री बनीं। पढ़ाई खत्म करने के बाद विमान चालक के प्रशिक्षण के दौरान वर्ष 1968 में भारत इटली की सोनिया माइनों से उनका विवाह हो गया।

अपने नाना, पिता एवं माँ के देश की राजनीति में अहम स्थान के बावजूद राजीव राजनीति में नहीं आना चाहते थे, इसलिए विमान संचालन के प्रशिक्षण के बाद उन्होंने वर्ष 1970 में इण्डियन एयरलाइस में पायलट की नौकरी करना शुरू कर दिया। 23 जून, 1980 को अपने छोटे भाई संजय गाँधी की मृत्यु के बाद न चाहते हुए भी खानदान की विरासत को सँभालने के लिए उन्हें राजनीति में आना पड़ा। जून, 1981 में वे अमेठी से सासद निर्वाचित हुए और साथ में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव भी बने।

यहाँ पढ़ें :   अटल बिहारी वाजपेयी पर निबन्ध

31 अक्टूबर, 1984 को अपनी माँ तत्कालीन प्रधानमन्त्री इन्दिरा गाँधी की उनके ही अगरक्षकों द्वारा जघन्य हत्या के बाद शोकाकुल राजीव को समय की आवश्यकता को देखते हुए दुनिया के सबसे बड़े लोकतन्त्र की बागडोर संभालनी घड़ी। वे अब तक के सबसे युवा प्रधानमन्त्री थे और राजनीति का भी उन्हें अधिक अनुभव नहीं था, इसलिए कुछ लोगों को आशका थी कि वे राजनीति में सफल नहीं हो पाएंगे, परन्तु जिस कुशलता के साथ देश का संचालन करते हुए वे इसे आधुनिकीकरण के नए युग में ले गए, उससे उनके सभी आलोचक स्तब्ध रह गए।

दिसम्बर, 1984 में जब लोकसभा के चुनाव हुए, तो राजीव जी की अद्भुत नेतृत्व क्षमता के कारण कांग्रेस को 542 सीटों में से 411 सीटों पर अभूतपूर्व जीत हासिल हुई। 31 दिसम्बर, 1984 को राजीव गाँधी नई लोकसभा के सदस्यों के नेता के रूप में पुनः देश के प्रधानमन्त्री बने।

Rajeev Gandhi Essay in Hindi

यहाँ पढ़ें : डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पर निबन्ध

अपने कार्यकाल में उन्होंने भारतीय जनता के कल्याण के लिए अनेक महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए, नए कार्यक्रमों की शुरुआत की तथा विश्व के अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर भी भारत को अभूतपूर्व प्रतिष्ठा दिलाई। श्रीलका में चल रहे लिट्टे और सिंघलियों के बीच युद्ध को शान्त करने के लिए उन्होंने भारतीय सेना को श्रीलंका में तैनात किया। राजनीतिक अस्थिरता को समाप्त करने के लिए उन्होंने वर्ष 1985 में राजनीतिक दल-बदल सम्बन्धी विधेयक पारित करवाया।

बेरोजगारी की विकराल समस्या के समाधान के लिए वर्ष 1988 में व्यापक ऋण योजना तथा 1 अप्रैल, 1989 को जवाहर रोजगार योजना का शुभारम्भ किया, जिसके अन्तर्गत इन्दिरा आवास योजना’ तथा ‘दस लाख कुआँ योजना’ जैसे कई कार्यक्रमों की शुरुआत की।

पंचायती राजव्यवस्था को मजबूत करने के दृष्टिकोण से 15 मई, 1989 को बहुप्रतीक्षित 64वाँ पंचायती राज विधेयक संविधान संशोधन प्रस्तुत किया। प्रथम बार प्रधानमन्त्री बनते समय राजीव गाँधी को पंजाब के आतंकवाद और असम के आन्दोलनकारियों से त्रस्त भारत मिला था, किन्तु अपनी प्रशासनिक क्षमता एवं सूझ-बूझ से ऐसी सभी समस्याओं का समाधान करने में वे सफल रहे। राजीव गाँधी ने देश की सुरक्षा के दृष्टिकोण से पृथ्वी, त्रिशूल और अग्नि जैसी मिसाइल एवं प्रक्षेपास्त्रों का विकास करवाया।

उन्हें अपने देश की युवाशक्ति पर बड़ा मान था, यही कारण है कि देश की युवाशक्ति की राजनीति में भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से उन्होंने मतदान की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष करने का प्रस्ताव संसद में पारित करवाया।

वर्ष 1989 के सामान्य चुनाव में अपने आकर्षक व्यक्तित्व के बल पर वे अपने निर्वाचन क्षेत्र से भारी मतों से विजयी होने सफल रहे, किन्तु अपने कुछ सहयोगियों के भीतरघात के कारण उनकी पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा। जीव गाँधी यदि चाहते तो उस समय जोड़-तोड़ की सरकार बना सकते थे, परन्तु जनादेश का सम्मान करते हुए उन्होंने । उवपक्ष में बैठना स्वीकार किया।

यहाँ पढ़ें : मदर टेरेसा पर निबन्ध

राजीव गाँधी अपने व्यवहार के अनुरूप सुरक्षा की परवाह किए बिना जनता के बीच चले जाते थे। इसका लाभ उनके इसनों ने उठाया और चेन्नई के पेरुम्बुदूर नामक स्थान पर एक चुनावी सभा को सम्बोधित करने के लिए जाते समय एकआत्मघाती हमले में 21 मई, 1991 को उनकी मृत्यु हो गई। भारत सरकार ने देश के प्रति राजीव गाँधी द्वारा की गई महान सेवाओं के लिए कृतज्ञता जाहिर करते हुए 7 जुलाई, 1991 को मरणोपरान्त उन्हें देश के सर्वोच्च अलंकरण ‘भारत रत्न’ से अलंकृत किया।

जिस तरह, इन्दिरा गाँधी की हत्या से पूरा देश स्तब्ध रह गया था, उसी तरह एक बार फिर अपने प्रिय युवा नेता की हत्या से भारतवासी शोकाकुल हो गए। उनके निधन से भारत को जो क्षति हुई उसकी पूर्ति असम्भव हैं, पर भारत को कम्प्यूटर युग में ले जाने का उनका जो सपना था, वह आज साकार हो चुका है और भारत सूचना प्रौद्योगिकी की सुपर शक्ति बन चुका है। कृतज्ञ भारतवासी, देश की प्रगति में उनके योगदान को कभी भुला नहीं सकते। उनका व्यक्तित्व एवं उनकी कार्यप्रणाली हमेशा देश के युवा वर्ग का मार्गदर्शन करती रहेगी।

अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर निबंध | Great personalities

reference Rajeev Gandhi Essay in Hindi

rajiv gandhi essay in hindi

मेरा नाम सविता मित्तल है। मैं एक लेखक (content writer) हूँ। मेैं हिंदी और अंग्रेजी भाषा मे लिखने के साथ-साथ एक एसईओ (SEO) के पद पर भी काम करती हूँ। मैंने अभी तक कई विषयों पर आर्टिकल लिखे हैं जैसे- स्किन केयर, हेयर केयर, योगा । मुझे लिखना बहुत पसंद हैं।

Leave a Comment Cancel reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Hindi Jaankaari

राजीव गांधी पर निबंध – Rajiv Gandhi Essay in Hindi – Short Essay on Shri Rajiv Gandhi Pdf Download

Rajiv Gandhi Essay in Hindi

राजीव गांधी जयंती 2018:  राजीव गाँधी एक महान राजनेता के साथ एक महान व्यक्तित्व के इंसान थे| उनके पिता जी का नाम फिरोज गाँधी जी और माता का नाम इंदरा गाँधी था| प्रधानमंत्री होने के समय उन्होंने बहुत से ऐसे निर्णय लिए जिसने भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार किया| उनका जन्म 20 अगस्त 1944 में महाराष्ट्र में हुआ था| उनके भाई की मृत्यु हो जाने के बाद भारतीय जनता कांग्रेस पार्टी की कमान उनके हातो में आ गई| राजीव गाँधी का नाम आज भी भारत के पूर्व महान प्रधानमंत्रियों में आता है| प्रधानमंत्री होने के समय उन्होंने बहुत से ऐसे निर्णय लिए जिसने भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार किया| आज के इस पोस्ट में हम आपको rajiv gandhi essay, rajiv gandhi short essay, rajiv gandhi essay in punjabi, rajiv gandhi essay in marathi, rajiv gandhi essay in english, आदि की जानकारी इन मराठी, हिंदी, इंग्लिश, बांग्ला, गुजराती, तमिल, तेलगु, आदि की जानकारी देंगे जिसे आप अपने स्कूल के निबंध प्रतियोगिता, कार्यक्रम या भाषण प्रतियोगिता में प्रयोग कर सकते है| ये निबंध खासकर कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए दिए गए है|

राजीव गांधी हिंदी निबंध

अक्सर class 1, class 2, class 3, class 4, class 5, class 6, class 7, class 8, class 9, class 10, class 11, class 12 के बच्चो को कहा जाता है राजीव गाँधी पर हिंदी निबंध लिखें| आइये अब हम आपको राजीव गाँधी के निबंध, राजीव गाँधी निबंध, Rajiv Gandhi essays,  Rajeev Gandhi Jayanti Images, Rajiv Gandhi ke nibandh in hindi, राजीव गांधी पर स्पीच, Rajiv Gandhi nibandh in hindi, राजीव गांधी के विचार,  Rajiv Gandhi nibandh, राजीव गांधी का जीवन परिचय, राजीव गाँधी की कविता, राजीव गाँधी कोट्स इन हिंदी,  Rajiv Gandhi ki nibandh kala,  राजीव गांधी मराठी माहिती,   Rajiv Gandhi essay in hindi, आदि की जानकारी हिंदी में 100 words, 150 words, 200 words, 400 words जिसे आप pdf download, स्पीच कम्पटीशन (speech recitation activity) निश्चित रूप से आयोजन समारोह या बहस प्रतियोगिता (debate competition) यानी स्कूल कार्यक्रम में स्कूल या कॉलेज में भाषण में भाग लेने में छात्रों की सहायता करेंगे। इन बाल गंगाधर पर हिंदी स्पीच हिंदी में 100 words, 150 words, 200 words, 400 words जिसे आप pdf download भी कर सकते हैं|

राजीव गांधी जैसे युवा नेता की दूरदर्शिता के फलस्वरुप ही देश कंप्यूटर-युग में प्रवेश कर सका है | जब कंप्यूटर के क्षेत्र में अध्ययन एवं अनुसंधान के प्रयासों को उन्होंने बल देना शुरू किया था, तो लोगों ने इससे बेरोजगारी बढ़ने की बात कहकर उनकी तीव्र आलोचना की थी, किन्तु आज देश की प्रगति में कंप्यूटर की उपयोगिता एवं भूमिका से यह स्वाभाविक रूप से अंदाजा लगाया जा सकता है कि राजीव गांधी अपने समय से कितना आगे चलते हुए पूरी सूझ-बूझ से निर्णय लिया करते थे | भारत आज सूचना प्रोद्योगिकी की सुपर शक्ति बन चुका है और इसमें कंप्यूटर की भूमिका अहम है | राजीव गांधी के नेतृत्व में देश ने आधुनिकीकरण एवं खुशहाली के नए युग में प्रवेश किया | राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को बम्बई में हुआ था | उनके पिता फिरोज गांधी, मां इंदिरा गांधी एंव नाना जवाहरलाल नेहरू, जो देश की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर रहे थे, के संघर्षों को देखकर सम्भवतः एक दिन राजीव गांधी भी इस लड़ाई में कूद पड़ते, किन्तु सौभाग्यवश 15 अगस्त 1947 को देश को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति मिल गई | आजादी के बाद जब राजीव गांधी के नाना जवाहरलाल नेहरु देश के प्रथम प्रधानमंत्री बने, तो वे मां एंव छोटे भाई संजय गांधी के साथ दिल्ली के तीनमूर्ति भवन में रहने आ गए | उनकी प्रारंभिक शिक्षा यहीं के एक स्कूल शिव निकेतन में हुई | 1954 ई. में आगे की पढ़ाई के लिए राजीव को देहरादून के वेल्हम विद्यालय भेजा गया | वहां से आई.एस.सी. की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद वे सीनियर कैंब्रिज में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए इंग्लैंड चले गए | पढ़ाई खत्म करने के बाद उन्होंने विमान संचालन का प्रशिक्षण प्राप्त किया | जब वे कैम्ब्रिज में पढ़ाई कर रहे थे, तब उनकी मां इंदिरा गांधी 1966 ई. में भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री बनीं | पढ़ाई खत्म करने के बाद विमान-चालक के प्रशिक्षण के दौरान 1968 ई. में इटली की सोनिया माइनो से उनका विवाह हो गया | अपने नाना, पिता एंव मां के देश की राजनीति में अहम स्थान के बावजूद राजीव राजनीति में नहीं आना चाहते थे इसलिए विमान संचालन के प्रशिक्षण के बाद उन्होंने 1970 ई. में इंडियन एयरलाइंस में पायलट की नौकरी करना शुरू कर दी | 23 जून 1980 को अपने छोटे भाई संजय गांधी की मृत्यु के बाद न चाहते हुए भी खानदान की विरासत को संभालने के लिए उन्हें राजनीति में आना पड़ा | जून 1981 में वे अमेठी से सांसद निर्वाचित हुए और साथ में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव भी बनाए गए | 31 अक्टूबर 1984 को अपनी मां तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके ही अंगरक्षकों द्वारा जघन्य हत्या के बाद शोकाकुल राजीव को समय की आवश्यकता को देखते हुए दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की बागडोर सम्भालनी पड़ी | वे अब तक के सबसे युवा प्रधानमंत्री थे, और राजनीति का भी उन्हें अधिक अनुभव नहीं था इसलिए कुछ लोगों को आशंका थी कि वे राजनीति में सफल नहीं हो पाएंगे, परंतु जिस कुशलता के साथ देश का संचालन करते हुए वे इसे आधुनिकीकरण के नए युग में ले गए, उससे उनके सभी आलोचक स्तब्ध रह गए | दिसंबर 1984 में जब लोकसभा के चुनाव हुए, तो राजीव जी की अदभुत नेतृत्व-क्षमता के कारण कांग्रेस को 542 सीटों में से 411 सीटों पर अभूतपूर्व जीत हासिल हुई | 31 दिसंबर 1984 को राजीव गांधी नई लोकसभा के सदस्यों के नेता के रूप में पुनः देश के प्रधानमंत्री बने | अपने कार्यकाल में उन्होंने भारतीय जनता के कल्याण के लिए अनेक महत्वपूर्ण निर्णय किए, नए कार्यक्रमों की शुरूआत की तथा विश्व के अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर भी भारत को अभूतपूर्व प्रतिष्ठा दिलाई | राजनीतिक अस्थिरता को समाप्त करने के लिए उन्होंने 1985 ई. में राजनीतिक दल-बदल संबंधी विधेयक पारित करवाया | बेरोजगारी की विकराल समस्या के समाधान के लिए 1988 ई. में व्यापक ऋण योजना तथा 1989 ई. में जवाहर रोजगार योजना का शुभारंभ किया | पंचायती राजव्यवस्था को मजबूत करने के दृष्टिकोण से 15 मई 1989 को बहुप्रतीक्षित 64वां पंचायतीराज विधेयक संविधान संशोधन प्रस्तुत किया | प्रथम बार प्रधानमंत्री बनते वक्त राजीव गांधी को पंजाब के आतंकवाद और असोम के आंदोलनकारियों से त्रस्त भारत मिला था, किन्तु अपनी प्रशासनिक क्षमता एवं सूझ-बूझ से ऐसी सभी समस्याओं का समाधान करने में वे सफल रहे | राजीव गांधी ने देश की सुरक्षा के दृष्टिकोण से पृथ्वी, त्रिशूल और अग्नि जैसी मिसाइल एंव प्रक्षेपास्त्रों का विकास करवाया | उन्हें अपने देश की युवा-शक्ति पर बड़ा मान था, यही कारण है कि देश की युवा-शक्ति की राजनीति में भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से उन्होंने मतदान की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष करने का प्रस्ताव संसद में पारित करवाया | 1989 ई. के सामान्य चुनाव में अपने आकर्षक व्यक्तित्व के बल पर वे अपने निर्वाचन क्षेत्र से भारी मतों से विजयी होने में कामयाब रहे किन्तु, अपने कुछ सहयोगियों के भीतरघात के कारण उनकी पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा | राजीव गांधी यदि चाहते तो उस समय जोड़-तोड़ की सरकार बना सकते थे, परंतु जनादेश का सम्मान करते हुए उन्होंने विपक्ष में बैठना स्वीकार किया | शाहबानो प्रकरण में ‘मुस्लिम लॉ’ के सम्मान की बात हो या अयोध्या में ‘रामलला के दर्शन’ की अनुमति हो उनके जैसा साहस समन्वय अतुलनीय है |

Rajiv Gandhi Essay in Hindi

आइये अब हम आपको राजीव गांधी के निबंध, राजीव गांधी के उपन्यास, राजीव गांधी की कहानियाँ, short essay on Rajiv Gandhi निबन्ध (Nibandh). यह 2007, 2008, 2009, 2010, 2011, 2012, 2013, 2014, 2015, 2016, 2017 का full collection है तथा भाषा Hindi font, hindi language, English, Urdu, Tamil, Telugu, Punjabi, English, Haryanvi, Gujarati, Bengali, Marathi, Malayalam, Kannada, Nepali के Language Font के 3D Image, Pictures, Pics, HD Wallpaper, Greetings, Photos, Free Download कर सकते हैं|

Short Essay on Shri Rajiv Gandhi Pdf Download

राजीव गांधी विश्व के सबसे बड़े लोकतन्त्र भारत के एकमात्र ऐसे युवा प्रधानमन्त्री थे, जिनकी उदार सोच, स्वप्नदर्शी व्यापक दृष्टि ने भारतवर्ष को एक नयी ऊर्जा और एक नयी शक्ति दी । देश को विश्व के अन्य उन्नत राष्ट्रों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर देने वाले सबसे कम उम्र के वे ऐसे प्रधानमन्त्री थे, जिन्होंने इक्कीसवीं सदी का स्वप्न देते हुए भारत को वैज्ञानिक दिशा दी । 2. उनका व्यक्तित्व: देश की प्रधानमन्त्री स्व० श्रीमती इन्दिरा गांधी के सबसे बड़े इस होनहार सपूत का जन्म बम्बई में 20 अगस्त 1944 को हुआ था । पिता फिरोज गांधी की ही तरह वे एक सम्मोहित व्यक्तित्व के धनी थे । नाना जवाहरलाल नेहरू और मां इन्दिरा गांधी से उन्हें राजनैतिक विरासत की समृद्ध परम्परा मिली । राजनीति में यद्यपि उनकी रुचि नहीं थी, तथापि वे पारिवारिक वातावरण के कारण उससे प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके । माता इन्दिरा की असामयिक मृत्यु के बाद देश को उनकी ही तरह एक सशक्त प्रधानमन्त्री की आवश्यकता थी । अत: राजीव गांधी को लोगों की इच्छा का सम्मान करते हुए राजनीति में आना पड़ा । राजनीति में आने से पूर्व वे इण्डियन एयरलाइन्स में एक पायलट थे । छात्र जीवन में उनकी भेंट इटली की सोनिया से हुई, जो आगे चलकर उनकी अर्द्धांगिनी बनी । 1981 में अमेठी से सांसद का चुनाव जीतकर वे 1883 में कांग्रेस पार्टी के महासचिव बने । 31 अक्टूबर 1984 के दिन इन्दिरा गांधी की मृत्यु के बाद कार्यवाहक प्रधानमन्त्री के रूप में अपनी शपथ ग्रहण की । 1985 के आम चुनाव में वे प्रचण्ड बहुमत से विजयी हुए । मिस्टर क्लीन की छवि से माने जाने वाले राजीव गांधी बहुत कुछ अर्थों में ईमानदारी व कर्तव्यनिष्ठा की मिसाल थे । हालांकि उनकी इस छवि में कालान्तर में कुछ विवाद भी उत्पन्न हुए थे । अपने श्रेष्ठ प्रशासन व निर्णय शक्ति की बदौलत इस जनप्रिय नेता ने काफी ख्याति प्राप्त की । किन्तु 21 मई 1991 को मद्रास से 50 कि०मी० दूर श्रीपेरूंबुदुर में एक चुनावी सभा के दौरान सुरक्षा घेरे को तोड़ने के बाद फूलों की माला ग्रहण करते समय श्रीलंकाई आतंकवादी संगठन लिट्टे द्वारा आत्मघाती बम विस्फोट में उनकी नृशंस हत्या कर दी गयी । अपने चहेते युवा नेता की मृत्यु पर सारा देश जैसे स्तब्ध रह गया । 3. उनके कार्य: राजीव गांधी एक सशक्त और कुशल राजनेता ही नहीं थे, अपितु स्वप्नदृष्टा प्रधानमन्त्री थे । समय से पूर्व भारत को 21वीं सदी में ले जाने वाले इस प्रधानमन्त्री ने भविष्य के भारत का जो सपना देखा था, उसमें सम्पूर्ण भारत में ज्ञान, संचार, सूचना, तकनीकी सेवाओं के साथ मुख्यत: उसे कम्प्यूटर से जोड़ना था । वे भारत को एक अक्षय ऊर्जा का स्त्रोत बनाना चाहते थे । उनकी इस नवीन कार्यशैली और सृजनात्मकता का ही परिणाम है कि आज भारत सौर ऊर्जा से लेकर देश के कोने-कोने में कम्प्यूटर से जुड़ गया है । आज देश के घर-घर में कम्प्यूटर का उपयोग राजीव गांधी की ही दूरदर्शी सोच का परिणाम है । अपनी विदेश नीति के तहत उन्होंने कई देशों की यात्राएं की । भारत के आर्थिक, सांस्कृतिक सम्बन्ध बढ़ाये । 1986 में गुटनिरपेक्ष आन्दोलन का नेतृत्व करते हुए भारत को अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर सम्मानित किया । फिलीस्तीनी संघर्ष, रंग-भेद विरोधी द० अफ्रीकी संघर्ष, स्वापो आन्दोलन, नामीबिया की स्वतन्त्रता का समर्थन, अफ्रीकी फण्ड की स्थापना के साथ-साथ माले में हुए विद्रोह का दमन, श्रीलंका की आतंकवादी समस्या पर निर्भीक दृष्टि रखना, हिन्द महासागर में अमेरिका तथा पाक के बढ़ते सामरिक हस्तक्षेप पर अंकुश लगाना, यह उनकी महत्त्वपूर्ण उपलब्धियां हैं । 4. उपसंहार: युवाओं की ऊर्जा के प्रतीक राजीव गांधी देश को भी अक्षय ऊर्जा की दृष्टि से सम्पन्न राष्ट्र बनाना चाहते थे । इस स्वप्नदृष्टा ने भारत को कम्प्यूटर, संचार, सूचना और तकनीकी के क्षेत्र में नया आयाम दिया । 21वीं सदी की ओर जाने का नारा देकर शक्तिशाली राष्ट्र का वैभव दिया । नयी शिक्षा नीति में शिक्षा को व्यावसायिकता के साथ जोड़ने का सार्थक प्रयास किया । भारत सरकार ने देश के इस कर्मठ युवा को देश का सर्वोच्च सम्मान ”भारत रत्न” सन् 1991 में प्रदान कर अपनी कृतज्ञता प्रकट की । वे अपने अच्छे कार्यों की वजह से भारतवासियों के हृदय में सदा जीवित रहेंगे ।

Rajiv Gandhi Short Essay in Hindi

राजीव गाँधी जैसे युवा नेता की दूरदर्शिता के फलस्वरूप ही देश कम्प्यूटर युग में प्रवेश कर सका है । जब कम्प्यूटर के क्षेत्र में अध्ययन एवं अनुसन्धान के प्रयासों को उन्होंने बल देना शुरू किया था, तो लोगों ने इससे बेरोजगारी बढ़ने की बात कहकर उनकी तीव्र आलोचना की थी, किन्तु आज देश की प्रगति में कम्प्यूटर की उपयोगिता एवं भूमिका से यह स्वाभाविक रूप से अन्दाजा लगाया जा सकता है कि राजीव गाँधी अपने समय से कितना आगे चलते हुए पूरी सूझ-बूझ से निर्णय लिया करते थे । भारत आज सूचना प्रौद्योगिकी की सुपर शक्ति बन चुका है और इसमें कम्प्यूटर की भूमिका अहम् है । राजीव गाँधी के नेतृत्व में देश ने आधुनिकीकरण एवं खुशहाली के नए युग में प्रवेश किया । राजीव गाँधी का जन्म 20 अगस्त, 1944 को बम्बई में हुआ था । उनके नाना जवाहरलाल नेहरू ने उनका नाम ‘राजीव गाँधी’ रखा । उनके पिता फिरोज गाँधी, माँ इन्दिरा गाँधी एवं नाना जवाहरलाल नेहरू, जो देश की स्वतन्त्रता के लिए संघर्ष कर रहे थे, के संघर्षों को देखकर सम्भवत: एक दिन राजीव गाँधी भी इस लड़ाई में कूद पड़ते, किन्तु सौभाग्यवश 15 अगस्त, 1947 को देश को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति मिल गई । आजादी के बाद जब राजीव गाँधी के नाना जवाहरलाल नेहरू देश के प्रथम प्रधानमन्त्री बने, तो वे माँ एवं छोटे भाई संजय गाँधी के साथ दिल्ली के तीनमूर्ति भवन में रहने आ गए । उनकी प्रारम्भिक शिक्षा यहीं के एक स्कूल शिव निकेतन में हुई । वर्ष 1954 में आगे की पढ़ाई के लिए राजीव को देहरादून के वेल्हम विद्यालय भेजा गया । वहाँ से आईएससी की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद वे सीनियर कैम्ब्रिज में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए इंग्लैण्ड चले गए । वहाँ ट्रिनिटी कॉलेज से उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियर की डिग्री प्राप्त की । पढ़ाई खत्म करने के बाद वे दिल्ली फ्लाइंग क्लब के सदस्य बने तथा विमान संचालन का प्रशिक्षण प्राप्त किया । जब बे कैम्ब्रिज में पढ़ाई कर रहे थे, तब उनकी माँ इन्दिरा गाँधी वर्ष 1966 में भारत की प्रथम महिला प्रधानमन्त्री बनी । पढ़ाई खत्म करने के बाद विमान चालक के प्रशिक्षण के दौरान वर्ष 1968 में इटली की सोनिया माइनो से उनका विवाह हो गया । अपने नाना, पिता एवं माँ के देश की राजनीति में अहम् स्थान के बावजूद राजीव राजनीति में नहीं आना चाहते थे, इसलिए विमान संचालन के प्रशिक्षण के बाद उन्होंने वर्ष 1970 में इण्डियन एयरलाइंस में पाइलट की नौकरी करना शुरू कर दी । 23 जून, 1980 को अपने छोटे भाई संजय गाँधी की मृत्यु के बाद न चाहते हुए भी खानदान की विरासत को सँभालने के लिए उन्हें राजनीति में आना पड़ा । जून, 1981 में वे अमेठी से सांसद निर्वाचित हुए और साथ में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव भी बनाए गए । 31 अक्तूबर, 1984 को अपनी माँ तत्कालीन प्रधानमन्त्री इन्दिरा गाँधी की उनके ही अंगरक्षकों द्वारा जघन्य हत्या के बाद शोकाकुल राजीव को समय की आवश्यकता को देखते हुए दुनिया के सबसे बड़े लोकतन्त्र की बागडोर संभालनी पड़ी । वे अब तक के सबसे युवा प्रधानमन्त्री थे और राजनीति का भी उन्हें अधिक अनुभव नहीं था, इसलिए कुछ लोगों को आशंका थी कि वे राजनीति में सफल नहीं हो पाएंगे, परन्तु जिस कुशलता के साथ देश का संचालन करते हुए वे इसे आधुनिकीकरण के नए युग में ले गए, उससे उनके सभी आलोचक स्तब्ध रह गए । दिसम्बर, 1984 में जब लोकसभा के चुनाव हुए, तो राजीव जी की अद्भुत नेतृत्व क्षमता के कारण कांग्रेस को 542 सीटों में से 411 सीटों पर अभूतपूर्व जीत हासिल हुई । 31 दिसम्बर, 1984 को राजीव गाँधी नई लोकसभा के सदस्यों के नेता के रूप में पुन: देश के प्रधानमन्त्री बने । अपने कार्यकाल में उन्होंने भारतीय जनता के कल्याण के लिए अनेक महत्वपूर्ण निर्णय किए, नए कार्यक्रमों की शुरूआत की तथा विश्व के अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर भी भारत को अभूतपूर्व प्रतिष्ठा दिलाई । श्रीलंका में चल रहे लिट्टे और सिंघलियों के बीच युद्ध को शान्त करने के लिए उन्होंने भारतीय सेना को श्रीलंका में तैनात किया । राजनीतिक अस्थिरता को समाप्त करने के लिए उन्होंने वर्ष 1985 में राजनीतिक दल-बदल सम्बन्धी विधेयक पारित करवाया । बेरोजगारी की विकराल समस्या के समाधान के लिए वर्ष 1988 में व्यापक ऋण योजना तथा 1 अप्रैल, 1989 को जवाहर रोजगार योजना का शुभारम्भ किया, जिसके अन्तर्गत ‘इन्दिरा आवास योजना’ तथा ‘दस लाख कुआँ योजना’ जैसे कई कार्यक्रमों की शुरूआत की । पंचायती राजव्यवस्था को मजबूत करने के दृष्टिकोण से 15 मई, 1989 को बहुप्रतीक्षित 64वाँ पंचायती राज विधेयक संविधान संशोधन प्रस्तुत किया । प्रथम बार प्रधानमन्त्री बनते वक्त राजीव गाँधी को पंजाब के आतंकवाद और असोम के आन्दोलनकारियों से त्रस्त भारत मिला था, किन्तु अपनी प्रशासनिक क्षमता एवं सूझ-बूझ से ऐसी सभी समस्याओं का समाधान करने में वे सफल रहे । राजीव गाँधी ने देश की सुरक्षा के दृष्टिकोण से पृथ्वी, त्रिशूल और अग्नि जैसी मिसाइल एवं प्रक्षेपास्त्रों का विकास करवाया । उन्हें अपने देश की युवाशक्ति पर बड़ा मान था, यही कारण है कि देश की युवाशक्ति की राजनीति में भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से उन्होंने मतदान की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष करने का प्रस्ताव संसद में पारित करवाया । वर्ष 1989 के सामान्य चुनाव में अपने आकर्षक व्यक्तित्व के बल पर वे अपने निर्वाचन क्षेत्र से भारी मतों से विजयी होने में कामयाब रहे, किन्तु अपने कुछ सहयोगियों के भीतरघात के कारण उनकी पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा । राजीव गाँधी यदि चाहते तो उस समय जोड़-तोड़ की सरकार बना सकते थे, परन्तु जनादेश का सम्मान करते हुए उन्होंने विपक्ष में बैठना स्वीकार किया । शाहबानो प्रकरण में ‘मुस्लिम लॉ’ के सम्मान की बात हो या अयोध्या में ‘रामलला के दर्शन’ की अनुमति हो, उनके जैसा साहस एवं समन्वय अतुलनीय है । राजीव गाँधी अपने व्यवहार के अनुरूप सुरक्षा की परवाह किए बिना जनता के बीच चले जाते थे ।

You may also like

9xflix Movies Download

9xflix.com | 9xflix 2023 HD Movies Download &...

Mallumv Movies Download

Mallumv 2023 | Mallu mv Malayalam Movies HD Download...

Movierulz Tv

Movierulz Telugu Movie Download – Movierulz Tv...

kmut login

Kmut Login | கலைஞர் மகளிர் உரிமைத் திட்டம் | Kalaignar...

rts tv apk download

RTS TV App 2023 | RTS TV APK v16.0 Download For...

hdhub4u movie download

HDHub4u Movie Download | HDHub4u Bollywood Hollywood...

About the author.

' src=

rajiv gandhi essay in hindi

राजीव गांधी का जीवन परिचय…

राजीव गांधी, एक ऐसे शख्सियत थे, जिन्हें महज 40 साल की उम्र में देश के पीएम बनने का गौरव प्राप्त है। वे देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने सन् 1984 में अपनी मां इंदिरा गांधी की मौत के बाद भारी बहुमत के साथ पीएम का पद हासिल किया था।

राजीव गांधी  बेहद सरल, सौम्य, शांति एवं धैर्यवान राजनेता थे, जिन्होंने देश के विकास और प्रगति में अपना अमूल्य योगदान दिया था और युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए उनके हित में कई अहम फैसले लिए थे। साल 1991 में आम चुनाव के दौरान  तमिलनाडू के श्री पेरमबदूर में एक भयानक बम बिस्फोट में साजिश के तहत उनकी हत्या कर दी गई।

साल 1991 में मृत्यु के बाद उन्हें ”भारत रत्न” सम्मान ने नवाजा  गया था। आइए जानते हैं भारत के दिग्गज राजनेता राजीव गांधी के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य –

राजीव गांधी जीवन परिचय – Rajiv Gandhi Biography in Hindi

Rajiv Gandhi

एक नजर में –

राजीव गांधी
20 अगस्त 1944, बंम्बई ( )
इंदिरा गांधी
संजय गांधी
सोनिया गांधी(एंटोनिया माइनो)
, राहुल गाँधी
21 मई 1991, श्रीपेरमबदूर ( )

शुरुआती जीवन एवं परिवार –

20 अगस्त, 1944 में मुंबई में राजीव गांधी ने इंदिरा गांधी और फिरोज  गांधी के बेटे के रुप में जन्म लिया था। इनकी माता  इंदिरा गांधी देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थी और इनके पिता फ़िरोज़ गाँधी इंडियन नेशनल कांग्रेस के प्रमुख और नेशनल हेराल्ड अख़बार के एडिटर थे।

शिक्षा –

देश को तरक्की के एक नए पायदान पर पहुंचाने वाले भारत के युवा प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी की प्रारंभिक शिक्षा देहरादून के शिव निकेतन और वेल्लम बॉयज स्कूल से हुई थी। इसके बाद पढ़ाई में होनहार रहे राजीव गांधी जी का दाखिला देहरादून के ही कुलीन डॉन स्कूल में करवाया गया।

स्कूल की शिक्षा पूरी करने के बाद वे अपनी आगे की पढ़ाई के लंदन चले गए, जहां से जानी-मानी कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई की। इसके बाद साल 1966 में राजीव गांधी जी भारत वापस लौट आए, इसी दौरान उनकी मां इंदिरा गांधी को देश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रुप में चुना गया था। वहीं इसके बाद राजीव गांधी ने  इंडियन एयरलाइन में पायलट बने।

शादी –

लंदन में पढ़ाई के दौरान ही राजीव गांधी जी इटली में रहने वाले एंटोनिया माइनो (सोनिया गांधी) से मिले  और फिर दोनों ने 1968 में  शादी करने का फैसला लिया। शादी के बाद उनकी पत्नी एंटोनिया माइनो ने अपना नाम बदलकर सोनिया गांधी रख दिया था, वे भी आज राजनीति की नई ऊंचाईयों को छू रही हैं।

वहीं शादी के बाद इन दोनों के दो बच्चे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी हुए, दोनों ही आज कांग्रेस पार्टी के अहम पदों पर कार्यरत हैं।

राजनैतिक करिअर –

सबसे युवा प्रधानमंत्री के तौर पर देश का नेतृत्व कर चुके राजीव गांधी जी का झुकाव पहले राजनीति की तरफ बिल्कुल नहीं था, लेकिन कुछ परिस्थितयों के चलते उन्हें राजनीति में आना पड़ा।

दरअसल, राजीव गांधी जी के भाई संजय गांधी की 23 जून, 1980 एक विमान हादसे में मौत हुई थी, जिसके बाद राजीव गांधी जी को अपनी मां इंदिरा गांधी के साथ राजनीति के क्षेत्र में प्रवेश करना पड़ा। राजनीति में आने के बाद सबसे पहले उन्होंने अपने स्वर्गीय भाई के निर्वाचन क्षेत्र उत्तरप्रदेश के अमेठी से लोकसभा चुनाव लड़ा और बंपर जीत हासिल की, इस तरह उन्होंने अपनी युवा विचारधारा से संसद में अपनी जगह बनाई।

इसके बाद उनके राजनैतिक कौशल को देखते हुए साल 1981 में उन्हें भारतीय युवा कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया गया। इसके साथ ही उन्होंने अपने राजनैतिक करियर के दैरान कांग्रेस के महासचिव पद की जिम्मेदारी संभाली, इसके साथ ही उनके ही नेतृत्व में एशियाई खेलों का आयोजन किया गया था।

राजीव गांधी जी ने अपनी मां इंदिरा गांधी के प्रमुख राजनैतिक सलाहकार के तौर पर भी काम किया। राजीव गांधी जी भले ही मजबूरन राजनीति के क्षेत्र में मजबूरी में आए हों लेकिन उन्होंने इस क्षेत्र में असीम ऊंचाईयों को छूआ और बाद में देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री बनकर देश का नेतृत्व किया।

प्रधानमंत्री के रुप में –

राजीव गांधी की मां एवं देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी  की 31 अक्टूबर, 1984 के दिन, उन्हीं के एक सिख बॉडीगार्ड द्धारा उनकी निर्मम तरीके से हत्या  कर दी गई थी, जिससे पूरे देश में शोक की लहर तो दौड़ ही गई थी, इसके साथ ही जगह-जगह सिख दंगे भड़क गए थे।

वहीं ऐसे समय में कांग्रेस पार्टी को दिशा दिखाने वाला कोई कद्दावर नेता नहीं बचा था। जिसके बाद कांग्रेस पार्टी के कुछ वरिष्ठ सदस्यों ने राजीव गांधी जी की राजनैतिक कौशल, कर्तव्यनिष्ठा एवं दूरदर्शिता को देखकर उन पर प्रधानमंत्री जैसे अहम पद की जिम्मेदारी सौंपी, उन्होंने कुछ दिन तक देश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रुप में काम किया।

फिर इसके बाद 1985 में हुए लोकसभा चुनावों में उन्होंने भारी मतों के साथ जीत हासिल कर देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री के रुप में कार्यभार संभाला। राजीव गांधी जी ने अपनी आधुनिक विचारधारा और युवा सोच के साथ देश को शक्तिशाली, संपन्न,एवं समृद्ध राष्ट्र बनाने में अपना अहम योगदान दिया और नौजवानों के अंदर नई उम्मीदें जगाईं। इस साथ ही राजीव गांधी जी ने अपने पीएम के कार्यकाल में कम्यूटर, संचार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी  को नई दिशा दी एवं नई शिक्षा नीति की घोषणा कर शिक्षा को खूब बढ़ावा दिया।

यही नहीं राजीव गांधी जी ने अपनी अद्बुत राजनैतिक कार्यशैली के चलते उन्हें असम, मिजोरम, पंजाब समझौते समेत श्री लंका में शांति सेना भेजना, 18 साल से मताधिकार, पंचायती राज को शामिल करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा उन्होंने देश की युवा शक्ति को और अधिक मजबूत बनाने के लिए उनके लिए कई अहम योजनाओं की शुरुआत भी की।

राजीव गांधी जी ने देश के युवाओं को रोजगार देने के लिए जवाहर रोजगार योजना की शुरुआत की। राजीव गांधी जी ने अपनी राजनैतिक सूझ-बूझ से 1986 में निरेपक्ष आंदोलन का नेतृत्व भारत के पास आने समेत कई अंतराष्ट्रीय मसलों पर अपनी बेबाक राय देकर, भारत को एक सम्मानजनक स्थान दिलाया।

राजीव गांधी जी ने अपने कार्यकाल के दौरान न सिर्फ रंगभेद के खिलाफ दक्षिण अफ्रीकी लोगों के संघर्ष, नामीबिया की स्वतंत्रता के लिए अपना सहयोग दिया बल्कि अफ्रीकी देशों की सहायता करने के लिए भी अफ्रीकी फंड की स्थापना में अपने सराहनीय कदम उठाए।

इसके साथ ही राजीव गांधी जी ने अपने पीएम के शासनकाल में कई  देशों की यात्रा कर उनके साथ अपने आर्थिक, राजनैतिक और सांस्कृतिक रिश्तों को मजबूत किया। इस तरह वे हर मुद्दे पर बेहद स्पष्ट और बेबाक राय देने वाले एक सशक्त और कुशल राजनेता के रुप में  उभरे।

हत्या –

21 मई, 1991 में जब राजीव गांधी अपने चुनावी दौरे पर गए थे, तभी तमिलनाडु में आयोजित एक स्टेज शो के दौरान उन पर जानलेवा हमला कर दिया गया। इस बम बिस्फोट में देश के इस युवा और सशक्त राजनेता की जान चली गई। इस हमले में कई और लोगों की भी जान चली गई थी तो कई लोग घायल हो गए थे।

इसके बाद राजीव गांधी जी के मृत शरीर को नई दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में लाकर उसका पोस्टमार्टम किया गया और फिर  24 मई 1991 को राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। आधुनिक विचारधारा वाले देश के इस सशक्त औऱ कुशल राजनेता की  मृत्यु से देश में शोक की लहर दौड़ गई थी।

याद में बने स्मारक –

  • राजीव गांधी के सम्मान में निनैवागम, श्रीपेरुम्पुदुर में स्मृति स्थल का निर्माण किया गया।
  • हैदराबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नाम भी राजीव गांधी जी के नाम पर राजीव गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट रखा गया है।
  • राजीव गांधी की स्मृति और सम्मान में उनके नाम पर यूनिवर्सिटी का नाम राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय रखा गया। इस यूनिवर्सिटी को जिसे राजीव गांधी टेक्निकल यूनिवर्सिटी के नाम से भी जाना जाता है।

इसके अलावा कई और यूनिवर्सिटी एवं बायोटेक्नोलॉजी के नाम राजीव गांधी जी के सम्मान में रखा गया है। इस तरह राजीव गांधी जी ने अपने छोटे से राजनैतिक करियर के दौरान अपनी अद्भुत कौशल से इस क्षेत्र में असीम ऊंचाईयों का छुआ, लेकिन इस दौरान उनके जीवन में कई उतार-चढ़ाव भी आए और बाद में हत्या की साजिश का शिकार होना पड़ा।

सन्मान –

देश के प्रगति और विकास में उनके अमिट योगदान के लिए मरणोपरांत भारत सरकार ने उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान “ भारत रत्न ” पुरस्कार से सम्मानित किया।

12 thoughts on “राजीव गांधी का जीवन परिचय…”

' src=

Thanks for the rajiv gandhi information

' src=

इनका जन्म स्थान,मुझे सही नही लगता हैं क्योंकि उनका जन्म स्थान “इलाहाबाद उत्तर प्रदेश” हैं

Leave a Comment Cancel Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Gyan ki anmol dhara

Grow with confidence...

  • Computer Courses
  • Programming
  • Competitive
  • AI proficiency
  • Blog English
  • Calculators
  • Work With Us
  • Hire From GyaniPandit

Other Links

  • Terms & Conditions
  • Privacy Policy
  • Refund Policy
  • Choose your language
  • मुख्य ख़बरें
  • अंतरराष्ट्रीय
  • उत्तर प्रदेश
  • मोबाइल मेनिया
  • 84 महादेव (उज्जैन)
  • बॉलीवुड न्यूज़
  • मूवी रिव्यू
  • खुल जा सिम सिम
  • आने वाली फिल्म
  • बॉलीवुड फोकस
  • दैनिक राशिफल
  • आज का जन्मदिन
  • आज का मुहूर्त
  • वास्तु-फेंगशुई
  • टैरो भविष्यवाणी
  • पत्रिका मिलान
  • रत्न विज्ञान

लाइफ स्‍टाइल

  • वीमेन कॉर्नर
  • नन्ही दुनिया
  • श्रीरामचरितमानस
  • धर्म संग्रह
  • श्री कृष्णा
  • व्रत-त्योहार
  • Short Essay on Rajiv Gandhi
  • 104 शेयरà¥�स

सम्बंधित जानकारी

  • Pt. Jawaharlal Nehru : भारत के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू पर हिन्दी निबंध
  • 23 मार्च शहीद दिवस : आजादी के दीवाने भगत सिंह पर हिन्दी निबंध
  • 23 मार्च शहीद दिवस - शहीद शिवराम हरि राजगुरु पर निबंध
  • 23 मार्च शहीद दिवस - शहीद सुखदेव पर हिंदी में निबंध
  • छत्रपति शिवाजी महाराज पर हिन्दी निबंध

Rajiv Gandhi : राजीव गांधी पर हिन्दी में निबंध

Rajiv Gandhi

  • वेबदुनिया पर पढ़ें :
  • महाभारत के किस्से
  • रामायण की कहानियां
  • रोचक और रोमांचक

इन टिप्स की मदद से समझिये बड़े होते बच्चों के साथ कैसा होना चाहिए माता-पिता का व्यवहार

इन टिप्स की मदद से समझिये बड़े होते बच्चों के साथ कैसा होना चाहिए माता-पिता का व्यवहार

डार्क स्पॉट्स से छुटकारा चाहिए तो लगाइए ये DIY फेस मास्क, एक ही बार में दिखने लगेगा फर्क

डार्क स्पॉट्स से छुटकारा चाहिए तो लगाइए ये DIY फेस मास्क, एक ही बार में दिखने लगेगा फर्क

आंखों के नीचे हो गाएं हैं काले घेरे तो शहद से करें इलाज, जानिए इस्तेमाल का सही तरीका

आंखों के नीचे हो गाएं हैं काले घेरे तो शहद से करें इलाज, जानिए इस्तेमाल का सही तरीका

प्रेग्नेंसी के दौरान पैरों में क्यों आती है सूजन, जानिए क्या ये है चिंता की बात

प्रेग्नेंसी के दौरान पैरों में क्यों आती है सूजन, जानिए क्या ये है चिंता की बात

क्या आपको भी लोग टेकन फॉर ग्रांटेड लेते हैं, तो अपनी पर्सनालिटी से इन आदतों को करें दूर

क्या आपको भी लोग टेकन फॉर ग्रांटेड लेते हैं, तो अपनी पर्सनालिटी से इन आदतों को करें दूर

और भी वीडियो देखें

rajiv gandhi essay in hindi

हीरों की 18 किलोमीटर मोटी परत, बुध ग्रह पर हीरे ही हीरे

हीरों की 18 किलोमीटर मोटी परत, बुध ग्रह पर हीरे ही हीरे

इन मीठी चीजों को ज्यादा खाने से लीवर पर पड़ता है असर, जानें कैसे रहें हेल्दी

इन मीठी चीजों को ज्यादा खाने से लीवर पर पड़ता है असर, जानें कैसे रहें हेल्दी

महिलाओं की हेल्थ के लिए बहुत जरूरी हैं ये 5 विटामिन, जानें कैसे करें डाइट में शामिल

महिलाओं की हेल्थ के लिए बहुत जरूरी हैं ये 5 विटामिन, जानें कैसे करें डाइट में शामिल

क्या लूज मोशन में मददगार है केला खाना? जानिए इसके बेहतरीन गुण

क्या लूज मोशन में मददगार है केला खाना? जानिए इसके बेहतरीन गुण

राखी पर इस तरह से करें मेकअप, चेहरे पर आएगा नेचुरल ग्लो और दिखेंगी सबसे खूबसूरत

राखी पर इस तरह से करें मेकअप, चेहरे पर आएगा नेचुरल ग्लो और दिखेंगी सबसे खूबसूरत

  • हमारे बारे में
  • विज्ञापन दें
  • हमसे संपर्क करें
  • प्राइवेसी पालिसी

Copyright 2024, Webdunia.com

  • Now Trending:
  • Nepal Earthquake in Hind...
  • Essay on Cancer in Hindi...
  • War and Peace Essay in H...
  • Essay on Yoga Day in Hin...

HindiinHindi

Essay on rajiv gandhi in hindi राजीव गांधी पर निबंध.

Hello, guys today we are going to discuss essay on Rajiv Gandhi in Hindi. Essay on Rajiv Gandhi in Hindi was asked in many competitive exams as well as classes in 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12. Read an essay on Rajiv Gandhi in Hindi to get better results in your exams.

We have combined essay on Rajiv Gandhi and Biography in Hindi – राजीव गांधी पर निबंध

Essay on Rajiv Gandhi in Hindi

hindiinhindi Essay on Rajiv Gandhi in Hindi

Essay on Rajiv Gandhi in Hindi 1000 Words

श्री राजीव गाँधी जी का जन्म 20 अगस्त 1944 ई. को मुम्बई में हुआ था। उनकी माता विश्वविख्यात श्रीमती इन्दिरा गांधी थी। पिता पारसी धर्म के श्री फिरोजशाह गांधी थे। जवाहर लाल नेहरू जैसे विश्वविख्यात और इतिहास पुरुष उनके नाना थे। उनके जन्म के समय पं. नेहरू अहमदनगर कारागार में थे। राजीव के जन्म के कुछ समय बाद इन्दिरा जी मुम्बई से इलाहाबाद आ गईं। जब जवाहर लाल नेहरू जेल से रिहा हो गए तो इन्दिरा जी अपने पति और पुत्र के साथ आनन्द भवन में रहने लगीं।

बड़े होने पर राजीव को प्रारम्भिक शिक्षा के लिए शान्ति-निकेतन में भर्ती करा दिया गया जिसका संचालन मुख्याध्यापिका श्रीमति ऊषा भगत करती थी। कुछ समय के लिए राजीव को बोर्डिंग स्कूल में भी रहना पड़ा। सन् 1954 में उन्होंने देहरादून के प्रसिद्ध विद्यालय ‘दून’ स्कूल में प्रवेश लिया और सन् 1960 में वहां से सीनियर कैम्ब्रिज की परीक्षा द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण की। इसके बाद वे लंदन के इम्पीरियल कॉलेज में चले गए और यहां एक वर्ष तक अध्ययन करते रहे। पुन: वे कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज में दाखिल हो गए जहां उन्होंने मकैनिकल इंजीनियर का कोर्स आरम्भ किया। सोनिया से इटली में एक गोष्टी में उनका परिचय हुआ जिससे वे कुछ समय पश्चात् विवाह सूत्र में बंध गए। लंदन से लौटने के बाद वे दिल्ली में फ्लाइंग क्लब के सदस्य बन गए और विमान संचालन का प्रशिक्षण प्राप्त करने लगे। प्रशिक्षण पूरा करने के पश्चात् सन् 1970 में वे एयर इण्डिया में विमान चालक बन गए।

दुर्भाग्यवश 23 जून 1980 को राजीव गांधी के अनुज संजय गांधी की विमान दुर्घटना में हृदय विदारक मौत हुई। युवा अवस्था में उनकी इस मौत से सारा देश स्तब्ध रह गया तथा इन्दिरा गांधी जी के लिए उनकी मृत्यु विशेष कष्टदायी सिद्ध हुई। संजय गांधी, राजनीति में इन्दिरा गांधी जी का साथ देते थे। युवा-पुत्र की मृत्यु ने उन्हें अकेला कर दिया। राजीव इस समय यूरोप की यात्रा पर थे। भाई की मृत्यु के दु:खद समाचार से वे भी पीड़ित हुए और तुरन्त भारत लौट आए। नवम्बर 1983 में कलकत्ता में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अधिवेशन में उन्हें भारतीय कांग्रेस का महासचिव नियुक्त किया गया।

31 अक्तूबर, 1984 को देश के इतिहास ने एक नया मोड़ लिया। इस दिन श्रीमती इन्दिरा गांधी के संरक्षकों ने उन्हें उनके निवास के बाहर गोलियों से छलनी कर दिया। संकट के इन क्षणों में 31 अक्तूबर को ही राजीव गांधी को प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। श्रीमती गांधी की मृत्यु के पश्चात् राष्ट्रीय शोक के 13 दिन पूरे होने के बाद सातवें आम चुनाव की घोषणा हुई। दिसम्बर 1984 में महाचुनाव हुए और इस चुनाव में राजीव गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस को अभूतपूर्व विजय मिली। नव वर्ष 1985 के प्रथम दिन श्री राजीव गांधी निर्वाचित प्रधानमंत्री बने।

जहां तक प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी की उपलब्धियों का प्रश्न है उसे पक्षपात रहित होकर आंकने पर यही कहा जा सकता है कि जिस अल्प अवधि में श्री राजीव गांधी ने अनेक वर्षों से लटकती हुई पंजाब तथा असम की समस्याओं को सुलझाया है वह निश्चय ही उनकी बहुत बड़ी सफलता है। 24 जुलाई 1985 को अकाली दल के तत्कालीन अध्यक्ष सरदार हरचंद सिंह लौंगोवाल के साथ उन्होंने ऐतिहासिक पंजाब समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसी प्रकार पंजाब समस्या से भी दीर्घकालीन समस्या असम समस्या स्वतन्त्रता दिवस की सुबह 15 अगस्त 1985 को समझौते के साथ समाप्त हुई।

21 मई 1991 को मद्रास से लगभग 50 किलोमीटर दूर श्री पेरुंबुदूर में रात्रि के लगभग 10 बजकर 20 मिनट पर एक ‘मानव-बम’ द्वारा राजीव गांधी की भयावह, अत्यन्त दर्दनाक रूप से हत्या कर दी गई। उनका शरीर क्षत-विक्षत हो गया और अंग-प्रत्यंगों को पहचानना भी कठिन हो गया था। उनकी हत्या एल. टी. टी. ई. की घिनौनी साजिश का परिणाम थी। इस क्रूर हत्या से सारा विश्व स्तब्ध रह गया था। ‘धनु’ नाम की एक क्रूर महिला ने अपने शरीर पर विस्फोटक बांध कर राजीव के चरण स्पर्श करने का अभिनय किया और भयानक विस्फोट के साथ राजीव गांधी का शरीर खण्डित हो गया।

राजीव गांधी आकर्षक व्यक्तित्व के धनी थे। विश्व में सर्वाधिक कम आयु के प्रधानमन्त्री राजीव विरोधी दलों के प्रशंसा के पात्र भी रहे। स्वभाव से वे शान्त और सौम्य थे। नम्रता और उदारता उनकी विशेषताएं थीं। उनका गंभीर व्यक्तित्व दूसरों को बहुत प्रभावित करता था।

अपने राजनीतिक जीवन के आरम्भिक जीवन में राजीव को विशेष सफलता मिली थी। पंजाब, मिजोरम और असम के हल के लिए जो समझौते हुए थे, वे सफल सिद्ध नहीं हो सके। विदेशी मोर्चे पर जो सफलता मिली वह भी पानी के बुलबुलों जैसी सिद्ध हुई। मिखाइल गोर्बाचेव और रीगन के दिलों को जीत कर वे । विश्व पर छा गए थे। धीरे-धीरे चापलूसों ने राजीव को घेर लिया, उनकी कथनी और करनी में अन्तर बढ़ने लगा।

राजीव गांधी को उनकी मृत्यु के बाद भारत-रत्न की उपाधि दी गई जिसे राष्ट्रपति ने उनकी पत्नी सोनिया गांधी को एक सादे समारोह में प्रदान किया। हत्याओं का यह सिलसिला सम्पूर्ण विश्व के लिए एक चुनौती है।

Essay on Bhagat Singh in Hindi

Pratibha Patil in Hindi

Essay on Rajiv Gandhi in Hindi 2000 Words

विश्व रंगमंच पर मनुष्य नाटक के पात्रों के समान अपना-अपना अभिनय करते हैं। उसको अभिनय उसके व्यक्तित्व का परिचायक होता है। नाटक में नायक अपने उदात्तचरित्र और अभिनय के द्वारा ही अपना स्थान बनाता है। दर्शकों की श्रद्धा और सहानुभूति उसके कार्य के माध्यम से उसके प्रति भी जागृत होती है। भारतीय राजनीति के रंगमंच पर राजीव गांधी का उदय नाटक के नायक की भांति ही हुआ है। अल्पकाल में ही उन्होंने जो ख्याति अर्जित की है उसके मूल में उनके वंश और कुल का ही योगदान नहीं है अपितु अपनी सूझ-बूझ, चतुराई, साहस से वे विश्व-विख्यात हुए हैं। उनका आगमन भी उस दौर में हुआ है जब भारतीय राजनीति के आकाश में घने बादल छा गए थे तथा चारों ओर निपट अंधकार फैल गया था।

श्री राजीव गांधी जी का जन्म 20 अगस्त 1944 ई. को बम्बई में हुआ था। उनकी माता विश्व विख्यात महिला इन्दिरा गांधी थी। पिता पारसी धर्म के श्री फिरोजशाह गांधी थे। जवाहर लाल नेहरू जैसे विश्व विख्यात और इतिहास पुरुष उनके नाना थे। उनके जन्म के समय पं. नेहरू अहमदनगर कारागार में थे। राजीव के जन्म के कुछ समय बाद इन्दिरा जी बम्बई से इलाहाबाद आ गई। जब जवाहर लाल नेहरू कारागार से रिहा हो गए तो इन्दिरा जी अपने पति और पुत्र के साथ आनन्द भवन में रहने लगीं। राजीव को बचपन में कभी लखनऊ और कभी दिल्ली तथा कभी साबरमति आश्रम में रहना पड़ता था, जहां गांधी जी उनके साथ बच्चों की तरह खेला करते थे।

कुछ बड़े होने पर राजीव को आरम्भिक शिक्षा के लिए शिव-निकेतन में भर्ती करा दिया गया जिसका संचालन मुख्याध्यापिका श्रीमति ऊषा भगत करती थी। कुछ समय के लिए राजीव को बोर्डिंग स्कूल में भी रहना पड़ा। सन् 1954 में उन्होंने देहरादून के प्रसिद्ध विद्यालय ‘दून’ स्कूल में प्रवेश लिया और सन् 1960 में वहां से सीनियर कैम्ब्रिज की परीक्षा द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण की। इसके बाद वे लंदन के इम्पीरियल कॉलेज में चले गए और यहां एक वर्ष तक अध्ययन करते रहे। पुनः वे कैम्ब्रिज के ट्रिनीटी कॉलेज में दाखिल हो गए जहां उन्होंने मैकैनिकल इंजीनियर का कोर्स आरम्भ किया। इस काल में राजीव ने आइसक्रीम बेच कर, फैक्ट्री तथा बेकरी में काम कर अपने अध्ययन के लिए धन भी स्वयं अर्जित किया। अपनी भारतीय संस्कृति के प्रति लगाव होने के कारण वे कॉलेज की गोष्ठियों में अपने साथियों के साथ वाद-विवाद करते। मधुर-भाषी तथा शांत स्वभाव वाले होने के कारण वे अपने साथियों में प्रिय थे। इसी प्रकार की एक गोष्ठी में उनको परिचय इटेलियन युवती सोनिया से हुआ, जिससे वे कुछ समय पश्चात् विवाह सूत्र में बंध गए। लंदन से लौटने के बाद वे दिल्ली में फ्लाइंग क्लब के सदस्य बन गए और विमान संचालन का प्रशिक्षण प्राप्त करने लगे। प्रशिक्षण पूरा करने के पश्चात् सन् 1970 में वे एयर इण्डिया में विमान चालक बन गए।

राजनीति में आगमन

दुर्भाग्य वश 23 जून 1980 को राजीव गांधी के अनुज संजय गांधी की विमान-दुर्घटना में हृदय विदारक मौत हुई। युवा अवस्था में उनकी इस मौत से सारा देश स्तब्ध रह गया तथा इंदिरा गांधी जी के लिए उनकी मृत्यु विशेष कष्टदायी सिद्ध हुई। संजय गांधी, राजनीति में इन्दिरा गांधी जी का साथ देते थे। युवा-पुत्र की मृत्यु ने उन्हें अकेला कर दिया। राजीव इस समय यूरोप की यात्रा पर थे। भाई की मृत्यु के दु:खद समाचार से वे भी पीड़ित हुए और तुरन्त भारत लौट आए। दुर्भाग्य से उन्हें ही अनुज की चिता में अग्नि प्रज्ज्वलित करनी पड़ी। अब राजीव को राजनीति में प्रवेश करवाने के लिए कांग्रेस के अनेक सदस्य सक्रिय हो गए और वे राजीव तथा इन्दिरा को यही सलाह देते रहे। कांग्रेस के अनेक संसद सदस्यों ने एक हस्ताक्षर युक्त प्रस्ताव इन्दिरा जी के सम्मुख रखा परन्तु उन्होंने स्वयं इस पर कोई निर्णय नहीं लिया और राजीव को ही निर्णय लेने के लिए कहा। राजीव गांधी इस बात के लिए तत्पर न थे लेकिन अपनी मां की व्यस्तता देखकर और उनके कार्य की अधिकता तथा उत्तरदायित्व को समझकर उन्होंने इस ओर गम्भीरता से सोचना आरम्भ किया। अब वे राजनीतिक कार्यों में श्रीमती गांधी का हाथ बटाने लगे। राजनीति में उनकी संगठन-सामर्थ्य का प्रथम परिचय उस समय मिला जब 16 फरवरी 1981 को दिल्ली में किसान रैली का आयोजन किया गया। श्री गाँधी के कुशल संचालन तथा साहसिक नेतृत्व में कांग्रेस के 25 हजार कार्यकर्ता क्रियाशील रहे और इस रैली को विशेष रूप से सफल बनाने का प्रयास करते रहे। अन्ततः 11 मई 1981 को श्री बसन्त दादा पाटिल ने जो कांग्रेस कमेटी के तत्कालीन महासचिव थे राजीव गांधी के नाम को घोषणा एक पत्रकार सम्मेलन में की और श्री राजीव गांधी ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। अमेठी से उन्होंने अपना नामांकन पत्र संसद सदस्य के चुनाव के लिए भरा। इस क्षेत्र में चुनाव 9 जून 1981 को हुआ और 16 जून 1981 को उनके भारी बहुमत से विजयी होने की घोषणा की गई। 24 जून 1981 को उन्हें कांग्रेस कार्यकारिणी समिति की बैठक में आमंत्रित किया गया। 17 अगस्त, 1981 को उन्होंने लोक सभा के सदस्य के रूप में शपथ ग्रहण की। 29 दिसम्बर को उन्हें युवा कांग्रेस के बंगलौर अधिवेशन में युवा कांग्रेस का नेता स्वीकार कर लिया गया। मई 1982 में हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, केरल तथा पश्चिम-बंगाल में विधान सभा के चुनाव में उन्होंने अनेक स्थानों पर जाकर चुनाव सभाओं को सम्बोधित किया तथा पूर्ण समर्पण के साथ अपनी पार्टी के लिए कार्य किया। नवम्बर 1983 में कलकत्ता में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अधिवेशन में उन्हें भारतीय कांग्रेस का महासचिव नियुक्त किया गया।

प्रथानमंत्री के रूप में

31 अक्तूबर, 1984 को देश के इतिहास ने एक नया मोड़ लिया। यह दिन इतिहास में विश्वास की हत्या तथा धर्मान्धता और कुचक्रों के काले प्रतीक के रूप में याद रहेगा। इस दिन श्रीमती इन्दिरा गांधी के संरक्षकों ने उन्हें उनके निवास के बाहर गोलियों से छलनी कर दिया। देश की प्रिय नेता छिन जाने से तथा उन्हें सांप्रदायिकता की भेंट चढ़ाने से देश तथा विश्व को जन-जन स्तब्ध रह गया। संकट के इन क्षणों में ही 31 अक्तूबर को ही राजीव गांधी को प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। जब दिल्ली आदि स्थानों में सांप्रदायिक दंगे हो रहे थे और उनकी मां का शव लोगों के दर्शनार्थ रखा था तब भी वे स्थान-स्थान पर रात भर दंगा-पीड़ितों के बीच घूमते रहे तथा उन्हें हर संभव सहायता दिलवाने का प्रयास करते रहे। श्रीमती गांधी की मृत्यु के पश्चात् राष्ट्रीय शोक के 13 दिन पूरे होने के बाद सातवें आम चुनाव की घोषणा हुई। दिसम्बर 1984 में महाचुनाव हुए और इस चुनाव में राजीव गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस को अभूतपूर्व विजय मिली। नव वर्ष 1985 के प्रथम दिन श्री राजीव गांधी निर्वाचित प्रधानमंत्री बने।

जहां तक प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी की उपलब्धियों का प्रश्न है उसे पक्षपात रहित होकर आंकने पर यही कहा जा सकता है कि जिस अल्प अवधि में श्री राजीव गांधी ने अनेक वर्षों से लटकती हुई पंजाब तथा असम की समस्याओं को सुलझाया है वह निश्चय ही उनकी बहुत बड़ी सफलता है। लगभग चार वर्षों से खड़ी और जटिल पंजाब समस्या जो समस्त भारत की अखण्डता के लिए खतरा उत्पन्न कर रही थी तथा जिसे उनकी स्वर्गीय मां सुलझा न पाई और जिसके कारण पंजाब का वातावरण असुखद हो गया था श्री गांधी ने उस का समाधान अत्यन्त चतुराई तथा सुखान्त रूप में किया। 24 जुलाई 1985 को अकाली दल के तत्कालीन अध्यक्ष सरदार हरचंद सिंह लौंगोवाल के साथ उन्होंने ऐतिहासिक पंजाब समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसी प्रकार पंजाब-समस्या से भी दीर्घकालीन समस्या असम-समस्या स्वतन्त्रता दिवस की प्रभात बेला में 15 अगस्त 1985 को समझौते के साथ समाप्त हुई। इसी दौर में लोकपाल बिल एवं दल-बदल रोकने के चिर-प्रतीक्षत कानून भी उनके कार्यकाल की अल्प अवधि में से संसद में पास हुए। देश द्रोह के कार्यों में संलग्न अनेक देशद्रोही गुप्तचरों का भण्डाफोड़ कर उन्होंने अनेक साहसी निर्णय लिए। पंजाब में हुए चुनाव में अब अकाली-दल को बहुमत प्राप्त हुआ और कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा तब भी उन्होंने अत्यन्त उदार होकर इसे अपनी पार्टी की हार न मानकर अपने देशवासियों की ही विजय बताया। इस अल्प अवधि में अर्थात् लगभग एक वर्ष से भी कम समय में उन्होंने दो बार विदेशों की सफल यात्राएं की तथा अमेरिका, रूस, पाकिस्तान, श्री लंका आदि देशों के राष्ट्रध्यक्षों से विश्व समस्या पर बातचीत की। वाशिंगटन तथा मास्कों में उनका अभूतपूर्व स्वागत हुआ। राष्ट्रपति रीगन ने उनकी प्रशंसा की।

एक सुनहरे सपने को दुःखद और त्रासद अन्त

21 मई 1991 को मद्रास से लगभग 50 कि. मी. दूर श्री पेरुंबुद्र में रात्रि के लगभग 10 बजकर 20 मिनट पर एक ‘मानव-बम’ द्वारा राजीव की भयावह, अत्यन्त दर्दनाक रूप से हत्या कर दी गई। उनका शरीर क्षत-विक्षत हे गया और अंग-प्रत्यंगों को पहचानना ही कठिन हो गया था। उनकी हत्या एल. टी. टी. ई. की घिनौनी साजिश का परिणाम थी। इस क्रूर हत्या से सारा विश्व स्तब्ध रह गया था। ‘धन’ नाम की एक क्रूर महिला ने अपने शरीर पर विस्फोटक बांध कर राजीव के चरण स्पर्श करने का अभिनय किया और भयानक विस्फोट के साथ राजीव का शरीर खण्डित हो गया। नारी का मधुर और करुणामय व्यक्तित्व कितना अमानवीय और राक्षसी हो सकता है। धनु का जीवन इसका प्रमाण है। सम्पूर्ण विश्व में इस हत्या-काण्ड की घोर निन्दा की गई। 24 मई 1991 को उनके पार्थिव शरीर को चन्दन की चिता पर शक्ति स्थल को समर्पित कर दिया गया। मां की मौन समाधि के पास ही उनकी समाधी भी मौन हो गई।

राजीव गांधी आकर्षक व्यक्तिव के धनी थे। सुन्दर गौरवर्ण धवल दन्त पंक्तियां, मधुर-मुस्कान और मितभाषी राजीव सबका मन सहज में ही मोह लेते थे। विश्व में सर्वाधिक कम आयु के प्रधानमन्त्री राजीव विरोधी दलों के प्रशंसा के पात्र भी रहे। स्वभाव से वे शान्त और सौम्य थे। नम्रता और उदारता उनकी विशेषताएं थी। उनका गंभीर व्यक्तित्व दूसरों को प्रभावित भी करता था तथा उनकी हास्य व्यंग्य से भरपूर प्रकृति सबको सहज भी कर देती थी।

अपने राजनीतिक जीवन के आरम्भिक जीवन में राजीव को विशेष सफलता मिली थी। पंजाब, मिजोरम और असम के हल के लिए जो समझौते हुए थे, वे सफल सिद्ध नहीं हो सके हैं। विदेशी मोर्चे पर जो सफलता मिली वह भी पानी के बुलबुलों जैसी सिद्ध हुई। मिखाइल गोर्बाचेव और रेगन के दिलों को जीत कर वे विश्व पर छा गए थे। धीरे-धीरे चापलूसों और मक्कारों ने राजीव को घेर लिया और उनकी कथनी और करनी में अन्तर बढ़ने लगा। शहबानो का मामला, पंजाब समझौते पर घपलेबाजी, बोफोर्स कांड ने उनकी छवि को धूमिल कर दिया। अपनी सरकार के जटिल संकटों को सुलझाने में वे नाकाम रहे। मि. ‘क्लीन’ के नाम से जाने जाने वाले राजीव जनादेश की उपेक्षा कर धीरे-धीरे स्वयं ही उपेक्षित हो गए। 1984 में जिन्हें ऐतिहासिक सफलता मिली थी, सन् 1989 में वे सफलता से बहुत दूर चले गए। अब वे विपक्ष के नेता के रूप में अवतरित हुए। उन्होंने कहा था – हम पूरी विनम्रता के साथ लोगों के फैसले को स्वीकार करते हैं। हम नई सरकार को रचनात्मक सहयोग देने का वायदा करते हैं, इसके बाद राजीव के व्यक्तित्व में अनुभव जुड़ता गया। उन्हें एहसास हो गया कि उनसे भारी भूल हुई है। सत्ता से उनके हटने के 19 महीनों के बाद ही फिर चुनाव आ गए। अब वे जनता से सम्पर्क कायम करने के लिए भीड़ में घुलने मिलने के लिए अनथक प्रयास करने लगे। वे पूरे दम-खम से चुनाव प्रचार में जुट गए और इस दौरान वे दो घण्टे से भी अधिक सो नहीं पाते थे। शायद लोगों ने भी उनकी नाकामियों और असफलताओं भुला कर वी. पी. सिंह के आरक्षण कांड से त्रस्त होकर राजीव को पुनः अपना नायक बनाने का मन बना लिया था। लेकिन राजनीति में हुई हिंसा से वे निश्चय हीं चितित थे उन्होंने कहा था कि इस बार चुनाव में भारी हिंसा होगी और सत्य ही इस भारी हिंसा का बज्र उन पर ही टूट-पड़ा और इस प्रकार एक सुनहरे सपने का दुःखद तथा त्रासद अंत हो गया।

राजीव गांधी को उनकी मृत्यु के बाद भारत-रतन की उपाधि दी गई जिसे राष्ट्रपति से उनकी पत्नी सोनिया गांधी ने एक सादे समारोह में प्राप्त किया। हत्याओं का यह खुला व्यापार सम्पूर्ण विश्व के लिए एक चुनौती है। आतंक और उग्रवाद को निश्चय ही समूल नष्ट करना होगा।

Indira Gandhi Biography in Hindi

Atal Bihari Vajpayee Biography in Hindi

Jawaharlal Nehru essay in Hindi

Mahatma Gandhi biography in Hindi

Learn and write Hindi essay in Hindi language.

Thank you reading. Don’t for get to give us your feedback.

अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करे।

Share this:

  • Click to share on Facebook (Opens in new window)
  • Click to share on Twitter (Opens in new window)
  • Click to share on LinkedIn (Opens in new window)
  • Click to share on Pinterest (Opens in new window)
  • Click to share on WhatsApp (Opens in new window)

About The Author

rajiv gandhi essay in hindi

Hindi In Hindi

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Email Address: *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Notify me of follow-up comments by email.

Notify me of new posts by email.

HindiinHindi

  • Cookie Policy
  • Google Adsense

rajiv gandhi essay in hindi

45,000+ students realised their study abroad dream with us. Take the first step today

Here’s your new year gift, one app for all your, study abroad needs, start your journey, track your progress, grow with the community and so much more.

rajiv gandhi essay in hindi

Verification Code

An OTP has been sent to your registered mobile no. Please verify

rajiv gandhi essay in hindi

Thanks for your comment !

Our team will review it before it's shown to our readers.

rajiv gandhi essay in hindi

  • Jivan Parichay (जीवन परिचय) /

Rajiv Gandhi Biography in Hindi – राजीव गांधी का जीवन परिचय

rajiv gandhi essay in hindi

  • Updated on  
  • मई 20, 2024

Rajiv Gandhi Biography in Hindi

Rajiv Gandhi Biography in Hindi: भारत देश के पहले युवा प्रधानमंत्री Rajiv Gandhi थे। क्या आप जानते हैं कि राजीव गांधी केवल 40 वर्ष की उम्र में प्रधानमंत्री बन गए थे। Rajiv Gandhi की माता इंदिरा गांधी की मृत्यु के बाद वर्ष 1984 में भारी बहुमत के साथ Rajiv Gandhi को जिताया गया था। वे भारत के नौवें प्रधानमंत्री थे। Rajiv Gandhi स्वभाव से बहुत ही सरल और धैर्यवान व्यक्ति थे।

वर्ष 1991 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान “भारत रत्न” से नवाजा गया था। वर्ष 1991 में आम चुनाव के दौरान तमिलनाडु के श्रीपेरंबदुर में एक भयानक बम विस्फोट में साजिश के तहत Rajiv Gandhi की हत्या कर दी गई थी। इस ब्लॉग में हम Rajiv Gandhi Biography in Hindi की जीवनी, शिक्षा ,शादी ,राजनीतिक सफर , उनसे जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां और उनकी हत्या कैसे हुई , उन्हें कौन से पुरस्कार से सम्मानित किया गया है , उनकी याद में कहा पर स्मारक बनाए गए हैं, उसके बारे में बताएंगे। 

Table of contents

Rajiv gandhi biography in hindi, rajiv gandhi biography in hindi: प्रारंभिक जीवन, rajiv gandhi biography in hindi: शिक्षा, rajiv gandhi की शादी, rajiv gandhi का राजनैतिक सफर, rajiv gandhi से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां, राजीव गांधी की हत्या, राजीव गांधी की याद में बने स्मारक, राजीव गांधी को मिले हुए सम्मान.

Indian Freedom Fighters (महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानी)

राजीव रत्न गांधी
पूर्व भारतीय राजनीतिज्ञ
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी
अपनी मां इंदिरा गांधी के कहने पर Rajiv Gandhi ने अपने भाई संजय गांधी की मृत्यु के बाद वर्ष 1980 में राजनीतिक में कदम रखा था।

फिर उसके अगले वर्ष Rajiv Gandhi ने अपने दिवंगत भाई के निर्वाचन क्षेत्र अमेठी से चुनाव लड़े थे और जीते भी थे।

वर्ष 1982 में अपने राजनीतिक ज्ञान को आगे बढ़ाने के लिए Rajiv Gandhi ने कांग्रेस के महासचिव के रूप में नियुक्त किया गया था।

साथी इसके अंदर एशियाई खेलों का आयोजन करने की जिम्मेदारी भी Rajiv Gandhi ने दी थी।

उनकी माता इंदिरा गांधी की हत्या के बाद Rajiv Gandhi को भारत का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया था।
20 अगस्त 1944
46 वर्ष
मुंबई मुंबई प्रेसिडेंसी ब्रिटिश भारत
21 मई 1991
श्रीपेरंबदूर चेन्नई तमिल नाडु
हत्या
भारतीय
सिंह
शिव निकेतन स्कूल, वेल्हम बॉयज स्कूल देहरादून ,स्कूल देहरादून
त्रिनिटी कॉलेज कैंब्रिज एमपी रियल लंदन दिल्ली फ्लाइंग क्लब न्यू दिल्ली
प्रशिक्षित पायलट
हिंदू
ब्राह्मण
साइकिल चलाना
स्वर्गीय फिरोज गांधी ( पूर्व भारतीय राजनीतिज्ञ)
स्वर्गीय इंदिरा गांधी पूर्व भारतीय राजनीतिज्ञ
स्वर्गीय संजय गांधी पूर्व भारतीय राजनीतिज्ञ और प्रशिक्षित पायलट
सोनिया गांधी
राहुल गांधी – बेटा
प्रियंका गांधी – बेटी
जवाहरलाल नेहरू
कमला नेहरू

जानें नोबेल पुरस्कार जितने वाले पहले भारतीय के बारे में!

इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी के बेटे के रूप में 20 अगस्त 1944 मुंबई में Rajiv Gandhi ने जन्म लिया था। इंदिरा गांधी देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थी और इनके पिता इंडियन नेशनल कांग्रेस के प्रमुख और नेशनल हेराल्ड अखबार के एडिटर थे।

भारत के पहले युवा प्रधानमंत्री Rajiv Gandhi के प्रारंभिक शिक्षा देहरादून के शिवनिकेतन और वेल्हम बॉयज स्कूल में हुई थी। फिर इसके बाद Rajiv Gandhi का दाखिला देहरादून में स्थित कूलिंग डॉन स्कूल में करवाया था।

90+ Maa Quotes in Hindi (हार्ट टचिंग लाइन्स फॉर मदर इन हिंदी)

भारत के अंदर स्कूल की शिक्षा पूरी करने के बाद आगे की पढ़ाई करने के लिए Rajiv Gandhi लंदन चले गए थे। लंदन में उन्होंने जानी-मानी कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से अपनी आगे की पढ़ाई की थी।वर्ष 1966 में Rajiv Gandhi अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद भारत वापस लौट आए थे। इसी बार इनकी माता इंदिरा गांधी को देश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया था। Rajiv Gandhi इसके बाद इंडियन एयरलाइन में पायलट बने थे।

Rajiv Gandhi जब पढ़ाई करने लंदन गए थे तब वहां इटली में रहने वाली एंटोनिया माइनो सोनिया गांधी से मिले थे। वर्ष 1968 में दोनों ने शादी करने का फैसला लिया था। विवाह करने के बाद Rajiv Gandhi की पत्नी एंटोनिया माइनो ने अपना नाम बदलकर सोनिया गांधी रख दिया था। वह आज के समय में राजनीतिक में नई ऊंचाइयों को छू रही हैैं।शादी के बाद Rajiv Gandhi और सोनिया गांधी के दो बच्चे हुए थे । बेटे का नाम राहुल गांधी और बेटी का नाम प्रियंका गांधी है।  आज के समय में दोनों कांग्रेस पार्टी के अहम पदों पर कार्यरत है।

भारत के लोकप्रिय कवि (Famous Poets in Hindi)

Rajiv Gandhi देश के पहले युवा प्रधानमंत्री थे। परंतु देश का नेतृत्व कर चुके Rajiv Gandhi जी का झुकाव पहले राजनीति की तरफ बिल्कुल भी नहीं था परंतु कुछ परिस्थितियों के कारण उन्हें राजनीति के अंदर आना पड़ा था। 23 जून 1980 में Rajiv Gandhi के भाई संजय गांधी की विमान हादसे में उनकी मौत हो गई थी।फिर इसके बाद Rajiv Gandhi को अपनी माता इंदिरा गांधी के साथ राजनीति के क्षेत्र के अंदर प्रवेश करना पड़ा था। राजनीति के अंदर आने के बाद उन्होंने सबसे पहले अपने स्वर्गीय भाई संजय गांधी के निर्वाचन क्षेत्र उत्तर प्रदेश के अमेठी से लोकसभा का चुनाव लड़ा था। इस चुनाव के अंदर उन्होंने बंपर जीत हासिल की थी इस तरह धीरे-धीरे उन्होंने अपनी युवा विचारधारा से संसद में अपनी जगह बनाई थी।

यूपीएससी व एसएससी के लिए History Questions in Hindi

वर्ष 1981 में उनके राजनीतिक कौशल को देखते हुए भारतीय युवा कांग्रेस का अध्यक्ष भी बना दिया गया था। फिर धीरे-धीरे उन्होंने अपने राजनीतिक करियर के दौरान कांग्रेस के महासचिव पद की जिम्मेदारी भी संभाली थी और इसके साथ ही साथ उनके  नेतृत्व में एशियाई खेलों का आयोजन भी किया गया था।

राजीव गांधी ने राजनीति में प्रवेश करने के बाद अपनी माता इंदिरा गांधी के प्रमुख राजनीतिक सलाहकार के तौर पर भी काम किया था। भले ही मजबूरन  राजीव गांधी राजनीति के क्षेत्र में आए थे परंतु उन्होंने राजनीतिक क्षेत्र में असीम ऊंचाइयों को छुआ था। देश के सबसे पहले युवा प्रधानमंत्री बनकर देश का नेतृत्व भी किया था।

  • राजीव गांधी के शिव निकेतन स्कूल से उनके शिक्षकों द्वारा यह पता चला था कि वह स्वभाव से काफी शर्मीले थे और उनका चित्र कला के प्रति काफी लगाव था।
  • राजीव गांधी ने इंजीनियरिंग संकाय की जगह ट्रिनिटी कॉलेज में की थी परंतु वह अपनी पढ़ाई शुरू नहीं कर पाए थे।
  • वर्ष 1966 के के दौरान वह भारत लौट आए थे क्योंकि उनकी माता इंदिरा गांधी भारत के प्रधानमंत्री बनी थीं।
  • भारत आने के बाद वह दिल्ली फ्लाइंग क्लब में शामिल हुए और प्रशिक्षित पायलट बने थे।
  • राजीव गांधी को वर्ष 1981 में भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में चुना गया था।
  • ऑपरेशन ब्लू स्टार के प्रतिशोध में उनकी माता इंदिरा गांधी के अंगरक्षकों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
  • फिर उसी दिन से राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री का कार्यभार संभाला शुरू कर दिया था।
  • राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद सबसे पहले  anti defection कानून को पारित किया था।

Check it: Indian National Movement(भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन)

  • यह कानून के अंदर किसी भी संसद या विधायक को अगले चुनाव तक किसी भी अन्य राजनीतिक दल में शामिल होने पर प्रतिबंध किया गया था।
  • राजीव गांधी ने वर्ष 1988 में स्वर्ण मंदिर अमृतसर में छिपे बंदूकधारियों को बाहर निकालने के लिए ब्लैक थंडर ऑपरेशन की शुरुआत भी की थी।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड
  • स्पेशल एक्शन ग्रुप
  • वर्ष 1991 मई में जब आखिरी बार राजीव गांधी चेन्नई के निकट एक गांव श्रीपेरंबदूर में थे, उस जगह वह लोकसभा कांग्रेस के लिए उम्मीदवार का प्रचार करने गए थे।
  • इसी प्रचार के दौरान राजीव गांधी की हत्या हुई थी।
  • Thenmozhi Rajaratnam नाम की महिला प्रचार के दौरान भीड़ से निकलकर राजीव गांधी को मिलने के लिए आई थी।
  • महिला ने एक बेल्ट बांधा था जिसके अंदर करीब 700 ग्राम आर डी एक्स था जैसे ही वह महिला राजीव गांधी को अभिवादन करने के लिए  झुकी तभी अचानक से ब्लास्ट हुआ जिसके अंदर राजीव गांधी की मृत्यु हुई थी।

Check it: Indira Gandhi Biography in Hindi

राजीव गांधी जब वर्ष 21 मई 1991 में अपने चुनाव दौर पर गए थे तमिलनाडु के अंदर आयोजित एक स्टेज शो के दौरान उनके ऊपर जानलेवा हमला हुआ था। इसी बम विस्फोट के दौरान राजीव गांधी सशक्त राजनेता की जान ली गई थी। इस हमले के दौरान कई सारे लोगों की जान भी गई थी और बहुत सारे लोग घायल भी हुए थे।

मृत्यु होने के बाद राजीव गांधी जी के शरीर को नई दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस के अंदर लाया गया था जहां पर उनका पोस्टमार्टम हुआ था। 4 मई 1991 राजकीय सम्मान के साथ राजीव गांधी को अंतिम विदाई दी गई थी। इनकी मृत्यु होने के बाद देश के अंदर शोक की लहर दौड़ गई थी।

Check it: Mahatma Gandhi Essay in Hindi

  • राजीव गांधी की याद में सम्मान में निनैवागम श्रीपेरुमपुदुर में स्मृति स्थल का निर्माण किया गया है।
  • हैदराबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नाम भी राजीव गांधी के नाम पर राजीव गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से रखा गया है।
  • राजीव गांधी की स्मृति और सम्मान में राजीव गांधी के नाम पर यूनिवर्सिटी का नाम राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय रखा गया है।
  • इस यूनिवर्सिटी को जिसे राजीव गांधी टेक्निकल यूनिवर्सिटी के नाम से भी जाना जाता है।
  • इसके साथ कई सारी यूनिवर्सिटी या है जिसका नाम यूनिवर्सिटी एंड बायोटेक्नोलॉजी राजीव गांधी के सम्मान से भी रखा गया है।

राजीव गांधी के देश के प्रगति और विकास में योगदान के लिए मरणोपरांत भारत सरकार ने उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान  ” भारत रत्न ” पुरस्कार से भी सम्मानित किया था ‌।

पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय 

यहाँ राजीव गांधी का जीवन परिचय (Rajiv Gandhi Biography in Hindi) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी भी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं-

उनका जन्म 20 अगस्त 1944 को मुंबई में हुआ था। 

उनके पिता का नाम फिरोज़ गांधी था।   

राजीव गांधी की पत्नी का नाम क्या है?

भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री कौन है?

विश्वनाथ प्रताप सिंह भारत के 10वें प्रधानमंत्री बने थे। 

राजीव गांधी की चुनाव प्रचार के दौरान एक सार्वजनिक सभा में 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में हत्या कर दी गई थी। 

आशा है कि आपको राजीव गांधी का जीवन परिचय (Rajiv Gandhi Biography in Hindi) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

' src=

रश्मि पटेल विविध एजुकेशनल बैकग्राउंड रखने वाली एक पैशनेट राइटर और एडिटर हैं। उनके पास Diploma in Computer Science और BA in Public Administration and Sociology की डिग्री है, जिसका ज्ञान उन्हें UPSC व अन्य ब्लॉग लिखने और एडिट करने में मदद करता है। वर्तमान में, वह हिंदी साहित्य में अपनी दूसरी बैचलर की डिग्री हासिल कर रही हैं, जो भाषा और इसकी समृद्ध साहित्यिक परंपरा के प्रति उनके प्रेम से प्रेरित है। लीवरेज एडु में एडिटर के रूप में 2 साल से ज़्यादा अनुभव के साथ, रश्मि ने छात्रों को मूल्यवान मार्गदर्शन प्रदान करने में अपनी स्किल्स को निखारा है। उन्होंने छात्रों के प्रश्नों को संबोधित करते हुए 1000 से अधिक ब्लॉग लिखे हैं और 2000 से अधिक ब्लॉग को एडिट किया है। रश्मि ने कक्षा 1 से ले कर PhD विद्यार्थियों तक के लिए ब्लॉग लिखे हैं जिन में उन्होंने कोर्स चयन से ले कर एग्जाम प्रिपरेशन, कॉलेज सिलेक्शन, छात्र जीवन से जुड़े मुद्दे, एजुकेशन लोन्स और अन्य कई मुद्दों पर बात की है। Leverage Edu पर उनके ब्लॉग 50 लाख से भी ज़्यादा बार पढ़े जा चुके हैं। रश्मि को नए SEO टूल की खोज व उनका उपयोग करने और लेटेस्ट ट्रेंड्स के साथ अपडेट रहने में गहरी रुचि है। लेखन और संगठन के अलावा, रश्मि पटेल की प्राथमिक रुचि किताबें पढ़ना, कविता लिखना, शब्दों की सुंदरता की सराहना करना है।

प्रातिक्रिया दे जवाब रद्द करें

अगली बार जब मैं टिप्पणी करूँ, तो इस ब्राउज़र में मेरा नाम, ईमेल और वेबसाइट सहेजें।

Contact no. *

browse success stories

Leaving already?

8 Universities with higher ROI than IITs and IIMs

Grab this one-time opportunity to download this ebook

Connect With Us

45,000+ students realised their study abroad dream with us. take the first step today..

rajiv gandhi essay in hindi

Resend OTP in

rajiv gandhi essay in hindi

Need help with?

Study abroad.

UK, Canada, US & More

IELTS, GRE, GMAT & More

Scholarship, Loans & Forex

Country Preference

New Zealand

Which English test are you planning to take?

Which academic test are you planning to take.

Not Sure yet

When are you planning to take the exam?

Already booked my exam slot

Within 2 Months

Want to learn about the test

Which Degree do you wish to pursue?

When do you want to start studying abroad.

September 2024

January 2025

What is your budget to study abroad?

rajiv gandhi essay in hindi

How would you describe this article ?

Please rate this article

We would like to hear more.

Handwritten Notes logo

HandwrittenNotes.in

Rajiv Gandhi Essay in Hindi | राजीव गांधी पर निबंध | राजीव गांधी जयंती

  • by Manoj Ahirwar
  • May 21, 2023 October 29, 2023

Rajiv Gandhi essay in Hindi | राजीव गांधी पर निबंध | राजीव गांधी जयंती

Rajiv Gandhi essay in Hindi | राजीव गांधी पर निबंध | राजीव गांधी जयंती – राजीव गांधी की जीवनी pdf, राजीव गांधी की मृत्यु, राजीव गांधी का योगदान, राजीव गांधी की पत्नी का नाम, राजीव गांधी को किसने मारा, राजीव गांधी का पूरा नाम क्या था, राजीव गांधी जयंती, राजीव गांधी का कार्यकाल,

Rajiv Gandhi essay in Hindi (Short Essay)- ४५० Words

ParticularsDescription
राजीव गांधी जन्म तिथि20 August 1944
राजीव गांधी मृत्यु तिथि21 May 1991
मृत्यु आयु (मृत्यु के समय आयु)46 years
राजीव गांधी पत्नीसोनिया गांधी
राजीव गांधी चिल्ड्रनराहुल गांधी
प्रियंका गांधी
Parentsफिरोज़ गांधी (फादर)
इंदिरा गांधी (मदर)
Carrierराजनेता (भारत के प्रधानमंत्री)

Rajiv Gandhi essay in Hindi

राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) भारतीय राजनीतिज्ञ थे जो १९८४ से १९८९ तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्यरत थे। उनका जन्म २० अगस्त, १९४४ को मुंबई, भारत में हुआ था और उनकी मां इंदिरा गांधी भी भारत की प्रधानमंत्री रही थीं।

राजीव गांधी ने १९८४ में अपनी मां की हत्या के बाद राजनीति में कदम रखा। उनकी उम्र ४० साल में भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री बनने का गर्वपूर्ण अनुभव था। उनके कार्यकाल में वे भारत की अर्थव्यवस्था के आधुनिकीकरण और विभिन्न सुधारों पर ध्यान केंद्रित करते रहे।

राजीव गांधी ने भारत में कंप्यूटरीकरण और सूचना प्रौद्योगिकी को प्रस्तावित करने का महत्व जाना। उनके नेतृत्व में कंप्यूटर शिक्षा को बढ़ावा देने और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग की स्थापना की गई। यह पहल भारत को सॉफ्टवेयर उद्योग के विकास में मदद करने में सहायता प्रदान करती है।

साथ ही, राजीव गांधी सामाजिक के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनका सामाजिक कल्याण और सशक्तिकरण के प्रति समर्पण देशवासियों के जीवन में सुधार लाने के लिए था। उन्होंने ग्रामीण विद्युतीकरण कार्यक्रम की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य था हर गांव में बिजली पहुंचाना। जवाहर रोजगार योजना को शुरू किया गया, जिसके माध्यम से बेरोजगारी को समाप्त करने और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और बुनियादी ढांचे के विकास को सुनिश्चित किया गया।

(Rajiv Gandhi Essay in Hindi) राजीव गांधी ने भारत की विदेश नीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने गैर-संघटितता को महत्व दिया और विभिन्न देशों के साथ दोस्ताना संबंधों की खोज की। उनकी प्रयासों से पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को सामान्य बनाने में सफलता मिली, जैसे कि भारत-श्रीलंका समझौता के माध्यम से। यह उनकी क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के प्रति समर्पण का प्रतीक था।

परंतु, दुःखद है कि राजीव गांधी की उम्र काफी छोटी थी जब उन्हें दुर्भाग्यपूर्ण रूप से १९९१ के मई २१ को स्रीपेरुम्बुदूर, तमिलनाडु में एक आत्मघाती बमविस्फोट के द्वारा हत्या की गई। उनकी मृत्यु देश में भयंकर आक्रोश और व्यापक शोक का कारण बनी।

(Rajiv Gandhi Essay in Hindi ) राजीव गांधी की विचारधारा, कर्मठता और सद्भावना को याद करते हुए, उनकी यात्रा भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण धारा बन गई है। उनका योगदान विशेष रूप से भारतीय अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी और शिक्षा के क्षेत्र में याद रखा जाता है। उनकी नेतृत्व में हुए कदमों ने देश को आधुनिक और विकसित भारत की ओर अग्रसर किया।

यथार्थ में, राजीव गांधी भारतीय राजनीति और समाज के लिए एक स्वर्णिम पन्ना रहे हैं। उनका विचारधारा, कार्यक्षेत्र और सेवाभाव से उन्हें देशभक्ति और प्रगति के प्रतीक के रूप में स्मरणिय हमेशा रहेगा। यद्यपि उनकी जीवनशैली अधूरी रह गई है,

Rajiv Gandhi essay in Hindi (७५0 Words )

राजीव गांधी – भारतीय राजनीति के सशक्त नेता (Rajiv Gandhi essay in Hindi)

राजीव गांधी, जिन्हें भारतीय राजनीति के एक महत्वपूर्ण नेता के रूप में जाना जाता है, ने अपने जीवन के दौरान देश के विकास और प्रगति के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनका जन्म 20 अगस्त, 1944 को मुंबई में हुआ था और वे पंडित जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के पुत्र थे। उनकी परिवारिक स्थिति उन्हें राजनीतिक विद्यालय का ज्ञान प्राप्त करने का मौका देने की वजह से थी।

राजीव गांधी को सत्ता में आने का मौका 1984 में मिला, जब उनकी माता इंदिरा गांधी की हत्या हो गई। उन्होंने तत्पश्चात भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व में आवेदन किया और भारत के प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्ति प्राप्त की। उनकी प्रधानमंत्रीता काल में वे देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री रहे और अपने विचारधारा, कर्मठता, और सौहार्दपूर्ण नेतृत्व के लिए प्रशंसा पाए।

राजीव गांधी की प्रमुख पहचान उनके आधुनिकीकरण और विकास के प्रयासों के माध्यम से हुई। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में सुधार कार्यक्रमों की शुरुआत की जो देश के विकास को गति देने में मदद करे। उन्होंने अर्थव्यवस्था की लिबरलीकरण के लिए पहल की और विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए नवीनीकरण नीतियां अपनाई। उनके प्रमुख कार्यक्षेत्रों में से एक था सूचना प्रौद्योगिकी, जिसे उन्होंने महत्वपूर्ण माना और कंप्यूटर शिक्षा को प्रोत्साहित किया।

राजीव गांधी ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी, और शिक्षा के क्षेत्र में भी अपना प्रभाव दिखाया। उन्होंने शिक्षा के महत्व को समझते हुए बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा प्रणाली की व्यवस्था करने के लिए कई कदम उठाए। उनके नेतृत्व में भारतीय विज्ञान प्रौद्योगिकी संस्थानों का विकास हुआ और उन्होंने विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में नए अवसर प्रदान किए।

उनकी प्रधानमंत्री काल में राजीव गांधी ने ग्रामीण विकास पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली पहुंचाने के लिए ग्रामीण विद्युतीकरण की पहल की जिससे गांवों में बिजली की सुविधा में सुधार हुआ। उन्होंने जवाहर रोजगार योजना शुरू की जिसका उद्देश्य बेरोजगारी को कम करना और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर प्रदान करना था।

राजीव गांधी ने भारतीय विदेशी नीति में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने विभिन्न देशों के साथ मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा दिया और विश्व स्तर पर भारत की मान्यता को बढ़ाया। उन्होंने गैर-संघटितता के पक्ष में भारत को आगे बढ़ाने के लिए संगठित कार्यों का समर्थन किया।

राजीव गांधी का नेतृत्व बहुत ही संघर्षपूर्ण था और उन्होंने अपने देशभक्ति, न्याय, और सामरिक बल के माध्यम से अपने लोगों के दिलों में जगह बनाई। उनके नेतृत्व में भारत ने अपनी प्रगति के नये मापदंड स्थापित किए और एक आधुनिक और विकसित

राष्ट्र बनने की दिशा में अग्रसर हुआ। राजीव गांधी ने विविध समाजसेवी कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया, जहां उन्होंने मुख्य रूप से गरीबों, महिलाओं, बच्चों, और दलितों के हित में कई योजनाएं शुरू की। उन्होंने स्वच्छता अभियान को महत्व दिया और जनसंख्या नियंत्रण के माध्यम से बालसंख्या को नियंत्रित करने की चुनौतियों का सामना किया।

राजीव गांधी एक माध्यमिक परिवार से संबंध रखते थे और उन्होंने सामाजिक न्याय को महत्व दिया। उन्होंने मुख्य तौर पर किसानों, मजदूरों, और गरीबों की मदद करने के लिए योजनाएं बनाई और कई कार्यक्रमों को शुरू किया। उनका मूल मंत्र था “गरीबी हटाओ” जिसके माध्यम से वे सशक्त और समृद्ध भारत के लिए प्रयास करते थे।

राजीव गांधी की उम्र काफी छोटी थी जब उन्हें दुर्भाग्यपूर्ण रूप से १९९१ के मई २१ को स्रीपेरुम्बुदूर, तमिलनाडु में एक आत्मघाती बमविस्फोट के द्वारा हत्या की गई। उनकी मृत्यु देश और उनके समर्पित अनुयायों के लिए एक बड़ी क्षति थी। उनका योगदान, उनकी प्रेमियंता और राष्ट्रीयता के प्रतीक के रूप में याद किया जाता है। उनकी मृत्यु के बाद उन्हें “भारत रत्न” से सम्मानित किया गया और उनकी याद में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्मारक स्थापित किए गए हैं। उनकी सोच, कार्य, और नेतृत्व देश के लिए अद्वितीय रहेंगे और उन्हें एक सच्चे राष्ट्रनेता के रूप में याद किया जाएगा।

इस प्रकार, राजीव गांधी ने भारतीय राजनीति में अपना विशेष स्थान बनाया है और उनका योगदान देश के विकास, सामरिकता, और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में महत्वपूर्ण है। उनकी सामरिक, युवावादी, और प्रगतिशील विचारधारा ने देश को नए दिशाओं में आगे ले जाने में मदद की है। राजीव गांधी को हमेशा गर्व से याद किया जाएगा जो एक प्रेरणास्रोत और राष्ट्रनेता के रूप में उदाहरण स्थापित करते हैं।

Rajiv Gandhi Essay in English – 700 Words | Short and Lengthy Essay for School Collages

Tags: (Rajiv Gandhi essay in Hindi) राजीव गांधी की जीवनी pdf, राजीव गांधी की मृत्यु, राजीव गांधी का योगदान, राजीव गांधी की पत्नी का नाम, राजीव गांधी को किसने मारा, राजीव गांधी का पूरा नाम क्या था, राजीव गांधी जयंती, राजीव गांधी का कार्यकाल, Rajiv Gandhi essay in Hindi, राजीव गांधी पर निबंध, राजीव गांधी जयंती,

Narendra Modi Essay in Hindi

Indira Gandhi essay in Hindi

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Now Paid Notes for 100% Free on Our Apps. We are providing FREE NOTES for everyone on our Android Apps to support those who don't have money to buy notes on SHN. Our Mission: Money should not be a barrier for education

rajiv gandhi essay in hindi

Class 12 Biology Hand Notes - Download App from Play Store

Nibandh Mala

राजीव गांधी पर निबंध Essay on Rajiv Gandhi in Hindi

आज हम राजीव गांधी पर निबंध पढ़ेंगे। आप Essay on Rajiv Gandhi in Hindi  को ध्यान से और मन लगाकर पढ़ें और समझें। यहां पर दिया गया निबंध कक्षा (For Class) 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8 के विद्यार्थियों के लिए उपयुक्त हैं।

Essay on Rajiv Gandhi in Hindi

प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जब हत्या हुई, उस समय देश की परिस्थितियां ऐसी थीं कि तब किसी कार्यवाहक प्रधानमंत्री की आवश्यकता न समझते हुए राजीव गांधी को ही प्रधानमंत्री बनाया गया। तब राजीव गांधी देश के छठे प्रधानमंत्री बने थे। 31 अक्टूबर, 1984 की शाम 6.15 बजे उन्हें राष्ट्रपति ज्ञानी जैलसिंह ने शपथ दिलाई। यह निर्णय उस समय जहां कांग्रेस पार्टी के हित में था, वहीं देश के सामने भी इसका कोई विकल्प नहीं था। इस निर्णय से देश की युवा शक्ति भी एक नए उत्साह से भर उठी थी।

राजीव गांधी देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने। इंदिरा जी जब प्रधानमंत्री बनीं तो उस समय उनकी अवस्था 49 वर्ष थी, जबकि राजीव गांधी जब प्रधानमंत्री बने तो उस समय उनकी अवस्था 40 वर्ष थी। इसीलिए राजीव गांधी के प्रधानमंत्री बनने पर युवाओं में विशेष उत्साह पैदा हुआ।

राजीव गांधी ने भी मतदान के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी। देश की जनता ने 1985 के आम चुनावों में उन्हें प्रचंड बहुमत दिया। 543 में से 415 सीटें उन्हें लोकसभा में मिलीं।

इस बात को सभी स्वीकार करते हैं कि राजीव गांधी जिस समय प्रधानमंत्री बने, उस समय आदर्शों और सिद्धांतों की राजनीति नहीं रह गई थी। इसीलिए उनकी ईमानदारी और खुली सोच को उनके व्यक्तित्व का नकारात्मक पहलू माना जाने लगा था। यहां यह भी सर्वविदित है कि उन्होंने देशहित के लिए अपनी महत्त्वाकांक्षा का बलिदान किया था।

देश को कम्प्यूटराइज्ड करने में राजीव गांधी की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। इसके लिए उन्हें अपनों तक के खुले विरोध का सामना करना पड़ा था। लेकिन वे जानते थे कि देश को भविष्य में इससे बहुत लाभ होगा। विश्व के कदम के साथ कदम मिलाकर चलने के लिए ऐसा करना जरूरी था। लेकिन देश को वो कुछ और नया दे पाते कि देश के इस सपूत की 21 मई, 1991 में मद्रास के निकट एक आत्मघाती हमले में हत्या कर दी गई।

इस निबंध को भी पढ़िए:

  • आदर्श विद्यार्थी हिंदी निबंध Ideal Student Essay in Hindi
  • बैडमिंटन हिंदी निबंध Badminton Essay in Hindi
  • मोबाइल की उपयोगिता हिंदी निबंध Importance of Mobile Essay in Hindi
  • हमारा राष्ट्रीय पक्षी मोर पर निबंध Essay on Our National Bird Peacock in Hindi
  • भारत में लोकतंत्र पर निबंध Essay on Democracy in India Hindi
  • मेरा विद्यालय हिंदी निबंध ‎My School Essay in Hindi
  • भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी हिंदी निबंध National game of India Hockey Essay in Hindi
  • छत्रपति शिवाजी महाराज हिंदी निबंध Chhatrapati Shivaji Maharaj Essay in Hindi
  • विज्ञान के लाभ हिंदी निबंध Advantages of Science Essay in Hindi
  • जवाहरलाल नेहरू हिंदी निबंध Jawaharlal Nehru Essay in Hindi

Leave a Comment Cancel reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Notify me of follow-up comments by email.

Notify me of new posts by email.

  • India Today
  • Business Today
  • RajasthanTak
  • ChhattisgarhTak
  • Cosmopolitan
  • Harper's Bazaar
  • Aaj Tak Campus
  • Brides Today
  • Reader’s Digest

aajtak hindi news

NOTIFICATIONS

loading...

इस तरह रची गई थी राजीव गांधी की हत्या की पूरी साजिश...

आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 27वीं पुण्यतिथि है. 21 मई 1991 को राजीव गांधी को देशवासियों ने वक्त से पहले खो दिया था. श्रीपेंरबदूर में एक धमाके में राजीव गांधी की मौत हो गई थी. जानिए राजीव गांधी की हत्या की साज़िश को कब, कैसे, कहां और किसने अंजाम दिया था..

तस्वीर (रायटर्स)

आशुतोष कुमार मौर्य

  • 21 मई 2018,
  • (अपडेटेड 21 मई 2018, 1:24 PM IST)

rajiv gandhi essay in hindi

आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 27वीं पुण्यतिथि है. 21 मई 1991 को राजीव गांधी को देशवासियों ने वक्त से पहले खो दिया था. श्रीपेंरबदूर में एक धमाके में राजीव गांधी की मौत हो गई थी. यह तब तो आप जानते ही हैं, लेकिन हम आपको बताएंगे कि आखिर राजीव गांधी की हत्या की साज़िश को कब, कैसे, कहां और किसने अंजाम दिया था.

जाफना, श्रीलंका (नवंबर 1990)

घने जंगलों के बीच एक आतंकी ठिकाने में प्रभाकरण बैठा था. उसके साथ बैठे थे उसके चार साथी. बेबी सुब्रह्मण्यम, मुथुराजा, मुरूगन और शिवरासन. एक बड़ी साजिश बन रही थी. घंटों तनाव के बीच चली बैठक. हर आदमी अपना पक्ष रख रहा था. बेहद गोपनीय इस बैठक में तनाव इतना था कि हवा भी बम की आवाज की तरह लग रही थी. उमस और गर्मी के बीच प्रभाकरण बहुत तेजी से सुन और बुन रहा था. आखिर साजिश पूरी हो गई. प्रभाकरण ने राजीव गांधी की मौत के प्लान पर मुहर लगा दी. प्लान को पूरा करने की जिम्मेदारी चार लोगों को सौंपी गई.

बेबी सुब्रह्मण्यम- लिट्टे आइडियोलॉग, हमलावरों के लिए ठिकाने का जुगाड़.

मुथुराजा- प्रभाकरण का खास, हमलावरों के लिए संचार और पैसे की जिम्मेदारी.

मुरुगन- विस्फोटक विशेषज्ञ, आतंक गुरू, हमले के लिए जरूरी चीजों और पैसे का इंतजाम.

शिवरासन- लिट्टे का जासूस, विस्फोटक विशेषज्ञ, राजीव गांधी की हत्या की पूरी जिम्मेदारी.

दुनिया के सबसे खूंखार आतंकवादी प्रभाकरण से राजीव की हत्या का फरमान लेने के बाद बेबी सुब्रह्मण्यम और मुथुराजा 1991 की शुरूआत में चेन्नई पहुंचे. इनके जिम्मे था बेहद अहम और शुरूआती काम. बेबी और मुथुराज को चेन्नई में ऐसे लोग तैयार करने थे जो मकसद से अंजान होते हुए भी डेथ स्क्व्यॉड की मदद करें. खासतौर पर राजीव गांधी के हत्यारों के लिए हत्या से पहले रुकने का घर दें और हत्या के बाद छिपने का ठिकाना.

बेबी सुब्रह्मण्यम और मुथुराजा चेन्नई में सीधे शुभा न्यूज फोटो एजेंसी पहुंचे. एजेंसी का मालिक शुभा सुब्रह्मण्यम इलम समर्थक था. शुभा सुब्रह्मण्यम के पास  दोनों की मदद का पैगाम बेबी और मुथुराजा के पहुंचने से पहले ही आ चुका था. शुभा को साजिश के लिए लोकल सपोर्ट मुहैया कराना था. यहां पहुंच कर बेबी और मुथुराजा ने अपने अपने टारगेट के मुताबिक अलग-अलग काम करना शुरू कर दिया. बेबी सुब्रह्मण्यम ने सबसे पहले शुभा न्यूज फोटो एजेंसी में काम करने वाले भाग्यनाथन को अपने चंगुल में फंसाया. राजीव हत्याकांड में सजा भुगत रही नलिनी इसी भाग्यनाथन की बहन है जो उस वक्त एक प्रिंटिंग प्रेस में काम करती थी. भाग्यनाथन और नलिनी की मां नर्स थी. नर्स मां को इसी समय अस्पताल से मिला घर खाली करना था. मुश्किल हालात में घिरे भाग्यनाथन और नलिनी को आतंकी बेबी ने पैसे और मदद के झांसे में लिया. बेबी ने एक प्रिंटिंग प्रेस भाग्यनाथन को  सस्ते में बेच दिया. इससे परिवार सड़क पर आने से बच गया. बदले में नलिनी और भाग्यनाथन बेबी के प्यादे हो गए. साजिश का पहला चरण था समर्थकों का नेटवर्क बनाना जो शातिर दिमागों में बंद साजिश को धीरे-धीरे अंजाम तक पहुंचाने में मददगार साबित हों पर बिना कुछ जाने.

एक तरफ बेबी सुब्रह्मण्यम चेन्नई में रहने के सुरक्षित ठिकाने बना रहा था तो मुथुराजा बेहद शातिर तरीके से लोगों को अपनी क्रूर साजिश के लिए चुन रहा था. चेन्नई की शुभा न्यूज फोटो एजेंसी में काम करने वाले इन शैतानों के लिए वरदान बन गए थे. यहीं से मुथुराजा ने दो फोटोग्राफर रविशंकरन और हरिबाबू चुने.

रविशंकरन और हरिबाबू दोनो शुभा न्यूज फोटोकॉपी एजेंसी में बतौर फोटोग्राफर काम करते थे. हरिबाबू को नौकरी से निकाल दिया गया था. मुथुराजा ने हरिबाबू को विज्ञानेश्वर एजेंसी में नौकरी दिलाई. श्रीलंका से बालन नाम के एक शख्स को बुला कर हरिबाबू का शागिर्द बनाया. इससे हरिबाबू को काफी पैसा मिलने लगा और उसका झुकाव मुथुराजा की तरफ बढ़ने लगा. मुथुराजा ने अहसान के बोझ तले दबे हरिबाबू को राजीव गांधी के खिलाफ खूब भड़काया कि अगर वो 1991 के लोकसभा चुनाव में जीत कर सत्ता में आए तो तमिलों की और दुर्गति होगी.

राजीव की हत्या के लिए साजिश की एक-एक ईंट जोड़ी जा रही थी. श्रीलंका में बैठे मुरूगन ने इस बीच जय कुमारन और रॉबर्ट पायस को चेन्नई भेजा. ये दोनों पुरूर के साविरी नगर एक्सटेंशन में रुके. यहां जयकुमारन का जीजा लिट्टे बम एक्सपर्ट अरीवेयू पेरूलीबालन 1990 से छिप कर रह रहा था. इन दोनों को श्रीलंका से चेन्नई भेजने का मकसद था अर्से से चुपचाप पड़े कंप्यूटर इंजीनियर और इलेक्ट्रॉनिक एक्सपर्ट अरीवेयू पेरूलीबालन को साजिश में शामिल करना ताकि वो हत्या का औजार बम बना सके. आगे चलकर पोरूर का यही घर राजीव गांधी हत्याकांड के प्लान का हेडक्वार्टर बन गया. यहीं से चलकर पूरी साजिश श्रीपेरंबदूर तक पहुंची थी.

शातिर सूत्रधार जुड़ने वाले हर शख्स के दिमाग में राजीव गांधी के खिलाफ भीषण नफरत भी पैदा कर रहा था. उन्हें पता था कि भयंकर नफरत के बिना भीषण घिनौनी साजिश अंजाम तक नहीं पहुंचेगी. जब बेबी और मुथुराजा ने अपने अपने चार लोग जोड़ लिए तो साजिश में मुरूगन की एंट्री हुई.

मुरुगन ने चेन्नई पहुंच कर बहुत रफ्तार में साजिश को अंजाम की ओर लाने की कोशिशें तेज कीं. मुरूगन के इशारे पर जयकुमारन और पायस. नलिनि-भाग्यनाथन-बेबी-मुथुराजा के ठिकाने पर पहुंच गए. राजीव गांधी विरोधी भावनाएं लोगों के दीमाग में भरी जाने लगीं. नलिनी राजीव गांधी के खिलाफ पूरी तरह तैयार हो गयी थी. नलिनि जिस प्रिटिंग प्रेस में नौकरी करती थी वहां छप रही एक किताब सैतानिक फोर्सेस ने उसके ब्रेनवॉश में अहम भूमिका निभाई. ब्रेनवॉश के साथ मुरूगन ने हत्यारों की नकली पहचान तैयार करने के लिए जयकुमारन और पायस की मदद से फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया.

मुरूगन, मुथुराजा और बेबी ने मिलकर चेन्नई में छिपने के तीन महफूज ठिकाने खोज लिए. अरिवू के तौर पर एक बम बनाने वाला तैयार था. राजीव के खिलाफ नफरत से भरे नलिनी पद्मा और भाग्यनाथन की ओट तैयार थी. शुभा सुब्रह्मण्यम जैसा आदमी मुहैया कराने वाला तैयार था. अब शिवरासन को संदेशा भेजा गया. मार्च की शुरूआत में वो समुद्र के रास्ते चेन्नई पहुंचा. वो पोरूर के इसी इलाके में पायस के घर में रुका.

पोरूर ही राजीव गांधी की हत्या की साजिश का कंट्रोलरूम बन गया. शिवरासन के पोरूर पहुंचते ही जाफना के जंगलों की साजिश का जाल पूरा हो गया. शिवरासन ने कमान अपने हाथ में ले ली. बेबी औऱ मुथुराज को श्रीलंका वापस भेज दिया गया. चेन्नई में नलनी,मुरूगन और भाग्यनाथन के साथ शिवरासन ने मानवबम खोजा पर वो नहीं मिला. शिवरासन ने अरीवेयू पेरुली बालन के बम की डिजायन को चेक किया, शिवरासन खुद अच्छा विस्फोटक एक्सपर्ट था. सारी तैयारी को मुकम्मल देख मानवबम के इतंजाम में शिवरासन फिर समुद्र के रास्ते जाफना वापस गया वहां वो प्रभाकरण से मिला. उसने प्रभाकरन को बताया कि भारत में मानवबम नहीं मिल रहा है. इसपर प्रभाकरन ने शिवरासन की चचेरी बहनों धनू और शुभा को उसके साथ भारत के लिए रवाना कर दिया.

धनू और शुभा को लेकर शिवरासन अप्रैल की शुरूआत में चेन्नई पहुंचा. धनू और शुभा को वो नलिनी के घर ले गया. यहां मुरूगन पहले से मौजूद था. शिवरासन ने बेहद शातिर तरीके से पायस- जयकुमारन-बम डिजायनर अरिवू को इनसे अलग रखा और खुद पोरूर के ठिकाने में रहता रहा. वो समय-समय पर सबको सही कार्रवाई के निर्देश देता था. अब चेन्नई के तीन ठिकानों में राजीव गांधी हत्याकांड की साजिश चल रही थी. शिवरासन ने टारगेट का खुलासा किए बिना बम एक्सपर्ट अऱिवू से एक ऐसा बम बनाने को कहा जो महिला की कमर में बांधा जा सके.

शिवरासन के कहने पर अरिवू ने एक ऐसी बेल्ट डिजाइन की जिसमें छह आरडीएक्स भरे ग्रेनेड जमाए जा सकें. हर ग्रेनेड में अस्सी ग्राम C4 आरडीएक्स भरा गया. हर ग्रेनेड में दो मिलीमीटर के दो हजार आठ सौ स्पिलिंटर हों. सारे ग्रेनेड को सिल्वर तार की मदद से पैरलल जोड़ा गया. सर्किट को पूरा करने के लिए दो स्विच लगाए गए. इनमें से एक स्विच बम को तैयार करने के लिए और दूसरा उसमें धमाका करने के लिए था और पूरे बम को चार्ज देने के लिए 9 एमएम की बैटरी लगाई गई. ग्रेनेड में जमा किए गए स्प्रिंटर कम से कम विस्फोटक में 5000 मीटर प्रतिसेकेंड की रफ्तार से बाहर निकलते यानी हर स्प्रिंटर एक गोली बन गया था. बम को इस तरह से डिजायन किया गया था कि आरडीएक्स चाहे जितना कम हो अगर धमाका हो तो टारगेट बच न सके और वही हुआ भी.

अब शिवरासन के हाथ में बम भी था और बम को अंजाम तक पहुंचाने वाली मानवबम धनू भी. इतंजार था तो बस राजीव गांधी का पर इससे पहले वो अपनी साजिश को ठोक बजाकर देख लेना चाहता था.

आजतक के पास 1991 के आम चुनावों के दौरान चेन्नई के मरीना बीच में हुई रैली का वीडियो है. इस वीडियो में शिवरासन अपने टारगेट राजीव गांधी से महज 25-30 फीट की दूरी पर साफ देखा जा सकता है. जयललिता और राजीव की इस रैली में शिवरासन राजीव की सुरक्षा का जायजा लेने पहुंचा था. यहां उसने राजीव की जनता से खुल कर मिलने और लचर सुरक्षा की खामियों को भांप लिया पर वनआइड जैक शिवरासन यहीं नहीं रुका. इस रैली के अनुभव को पक्का करने के लिए वो एक और सियासी रैली में मानवबम धनू को साथ लेकर पहुंचा.

12 मई 1991 को शिवरासन-धनू ने पूर्व पीएम वीपी सिंह और डीएमके सुप्रीमो करूणानिधि की रैली में फाइनल रेकी की. तिरुवल्लूर के अरकोनम में हुई इस रैली में धनू वीपी सिंह के बेहद पास तक पहुंची उसने उनके पैर भी छुए. बस बम का बटन नहीं दबाया. पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह की रैली में सुरक्षा का स्तर राजीव की सुरक्षा के बराबर न सही तो कम भी नहीं था पर शिवरासन और धनू के शातिर इरादे कामयाब रहे. इससे शिवरासन के हौसले बुलंद हो गए और उसे अपना प्लान कामयाब होता दिखने लगा.

लोकसभा चुनाव का दौर था राजीव गांधी की मीटिंग 21 मई को श्रीपेरंबदूर में तय हो गई. शिवरासन ने पलक झपकते ही तय कर लिया कि 21 को ही साजिश पूरी होगी. 20 की रात शिवरासन नलिनि के घर रैली के विज्ञापन वाला अखबार लेकर पहुंचा और तय हो गया कि अब 21 को ही साजिश पूरी होगी.

नलिनी के घर 20 मई की रात धनू ने पहली बार सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देने के लिए चश्मा पहना. शुभा ने धानू को बेल्ट पहना कर प्रैक्टिस करवाई और श्रीपेरंबदूर में किस तरह साजिश को अंजाम तक पहुंचाना है इसकी पूरी तैयारी मुकम्मल कर ली गई. सभी पूरी तरह शांत और मकसद के लिए तैयार थे. 20 मई की रात को सभी ने साथ मिलकर फिल्म देखी और सो गए. सुबह हुई तो पांच लोग शिवरासन-धनू-शुभा-नलिनी और हरिबाबू साजिश को पूरा करने के लिए तैयार थे.

श्रीपेरंबदूर में रैली की गहमागहमी थी. राजीव गांधी के आने में देरी हो रही थी. बार-बार ऐलान हो रहा था कि राजीव किसी भी वक्त रैली के लिए पहुंच सकते हैं. पिछले छह महीने से पक रही साजिश अपने अंजाम के बेहद करीब थी. एक महिला सब इंस्पेक्टर ने उसे दूर रहने को कहा पर राजीव गांधी ने उसे रोकते हुए कहा कि सबको पास आने का मौका मिलना चाहिए. उन्हें नहीं पता था कि वो जनता को नहीं मौत को पास बुला रहे हैं. नलिनी ने माला पहनाई, पैर छूने के लिए झुकी और बस साजिश पूरी हो गई.

सबसे तेज़ ख़बरों के लिए आजतक ऐप

HindiVyakran

  • नर्सरी निबंध
  • सूक्तिपरक निबंध
  • सामान्य निबंध
  • दीर्घ निबंध
  • संस्कृत निबंध
  • संस्कृत पत्र
  • संस्कृत व्याकरण
  • संस्कृत कविता
  • संस्कृत कहानियाँ
  • संस्कृत शब्दावली
  • पत्र लेखन
  • संवाद लेखन
  • जीवन परिचय
  • डायरी लेखन
  • वृत्तांत लेखन
  • सूचना लेखन
  • रिपोर्ट लेखन
  • विज्ञापन

Header$type=social_icons

  • commentsSystem

मेरे प्रिय नेता राजीव गांधी पर निबंध। Essay on Rajiv Gandhi in Hindi

मेरे प्रिय नेता राजीव गांधी पर निबंध। Essay on Rajiv Gandhi in Hindi : राजीव गांधी का पूरा नाम राजीव रत्न गांधी था। श्रीमान राजीव गांधी भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री थे। राजीव गांधी भारत के छठे प्रधानमंत्री थे। उनका जन्म देशभक्त परिवार में हुआ था। इनका जन्म 20 अगस्त, 1944 को मुम्बई में हुआ था। वह पण्डित जवाहर लाल नेहरू के नाती थे। श्रीमान राजीव गांधी ने अपने नाना जवाहर लाल नेहरू और माँ श्रीमती इन्दिरा गांधी से बहुत कुछ सीखा। राजीव गांधी ने देहरादून से शिक्षा ग्रहण की थी। वह अपनी बाल्यावस्था में भी निर्भीक और बहादुर थे। सन् 1955 से 1960 तक उन्होंने देहरादून से शिक्षा प्राप्त की। कैम्ब्रिज की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद वह शिक्षा प्राप्त करने इंग्लैण्ड गये।

मेरे प्रिय नेता  राजीव गांधी पर निबंध।  Essay on Rajiv Gandhi in Hindi

Essay on Rajiv Gandhi in Hindi

100+ Social Counters$type=social_counter

  • fixedSidebar
  • showMoreText

/gi-clock-o/ WEEK TRENDING$type=list

  • गम् धातु के रूप संस्कृत में – Gam Dhatu Roop In Sanskrit गम् धातु के रूप संस्कृत में – Gam Dhatu Roop In Sanskrit यहां पढ़ें गम् धातु रूप के पांचो लकार संस्कृत भाषा में। गम् धातु का अर्थ होता है जा...
  • दो मित्रों के बीच परीक्षा को लेकर संवाद - Do Mitro ke Beech Pariksha Ko Lekar Samvad Lekhan दो मित्रों के बीच परीक्षा को लेकर संवाद लेखन : In This article, We are providing दो मित्रों के बीच परीक्षा को लेकर संवाद , परीक्षा की तैयार...

' border=

RECENT WITH THUMBS$type=blogging$m=0$cate=0$sn=0$rm=0$c=4$va=0

  • 10 line essay
  • 10 Lines in Gujarati
  • Aapka Bunty
  • Aarti Sangrah
  • Akbar Birbal
  • anuched lekhan
  • asprishyata
  • Bahu ki Vida
  • Bengali Essays
  • Bengali Letters
  • bengali stories
  • best hindi poem
  • Bhagat ki Gat
  • Bhagwati Charan Varma
  • Bhishma Shahni
  • Bhor ka Tara
  • Boodhi Kaki
  • Chandradhar Sharma Guleri
  • charitra chitran
  • Chief ki Daawat
  • Chini Feriwala
  • chitralekha
  • Chota jadugar
  • Claim Kahani
  • Dairy Lekhan
  • Daroga Amichand
  • deshbhkati poem
  • Dharmaveer Bharti
  • Dharmveer Bharti
  • Diary Lekhan
  • Do Bailon ki Katha
  • Dushyant Kumar
  • Eidgah Kahani
  • Essay on Animals
  • festival poems
  • French Essays
  • funny hindi poem
  • funny hindi story
  • German essays
  • Gujarati Nibandh
  • gujarati patra
  • Guliki Banno
  • Gulli Danda Kahani
  • Haar ki Jeet
  • Harishankar Parsai
  • hindi grammar
  • hindi motivational story
  • hindi poem for kids
  • hindi poems
  • hindi rhyms
  • hindi short poems
  • hindi stories with moral
  • Information
  • Jagdish Chandra Mathur
  • Jahirat Lekhan
  • jainendra Kumar
  • jatak story
  • Jayshankar Prasad
  • Jeep par Sawar Illian
  • jivan parichay
  • Kashinath Singh
  • kavita in hindi
  • Kedarnath Agrawal
  • Khoyi Hui Dishayen
  • Kya Pooja Kya Archan Re Kavita
  • Madhur madhur mere deepak jal
  • Mahadevi Varma
  • Mahanagar Ki Maithili
  • Main Haar Gayi
  • Maithilisharan Gupt
  • Majboori Kahani
  • malayalam essay
  • malayalam letter
  • malayalam speech
  • malayalam words
  • Mannu Bhandari
  • Marathi Kathapurti Lekhan
  • Marathi Nibandh
  • Marathi Patra
  • Marathi Samvad
  • marathi vritant lekhan
  • Mohan Rakesh
  • Mohandas Naimishrai
  • MOTHERS DAY POEM
  • Narendra Sharma
  • Nasha Kahani
  • Neeli Jheel
  • nursery rhymes
  • odia letters
  • Panch Parmeshwar
  • panchtantra
  • Parinde Kahani
  • Paryayvachi Shabd
  • Poos ki Raat
  • Portuguese Essays
  • Punjabi Essays
  • Punjabi Letters
  • Punjabi Poems
  • Raja Nirbansiya
  • Rajendra yadav
  • Rakh Kahani
  • Ramesh Bakshi
  • Ramvriksh Benipuri
  • Rani Ma ka Chabutra
  • Russian Essays
  • Sadgati Kahani
  • samvad lekhan
  • Samvad yojna
  • Samvidhanvad
  • Sandesh Lekhan
  • sanskrit biography
  • Sanskrit Dialogue Writing
  • sanskrit essay
  • sanskrit grammar
  • sanskrit patra
  • Sanskrit Poem
  • sanskrit story
  • Sanskrit words
  • Sara Akash Upanyas
  • Savitri Number 2
  • Shankar Puntambekar
  • Sharad Joshi
  • Shatranj Ke Khiladi
  • short essay
  • spanish essays
  • Striling-Pulling
  • Subhadra Kumari Chauhan
  • Subhan Khan
  • Suchana Lekhan
  • Sudha Arora
  • Sukh Kahani
  • suktiparak nibandh
  • Suryakant Tripathi Nirala
  • Swarg aur Prithvi
  • Tasveer Kahani
  • Telugu Stories
  • UPSC Essays
  • Usne Kaha Tha
  • Vinod Rastogi
  • Vrutant lekhan
  • Wahi ki Wahi Baat
  • Yahi Sach Hai kahani
  • Yoddha Kahani
  • Zaheer Qureshi
  • कहानी लेखन
  • कहानी सारांश
  • तेनालीराम
  • मेरी माँ
  • लोककथा
  • शिकायती पत्र
  • हजारी प्रसाद द्विवेदी जी
  • हिंदी कहानी

RECENT$type=list-tab$date=0$au=0$c=5

Replies$type=list-tab$com=0$c=4$src=recent-comments, random$type=list-tab$date=0$au=0$c=5$src=random-posts, /gi-fire/ year popular$type=one.

  • अध्यापक और छात्र के बीच संवाद लेखन - Adhyapak aur Chatra ke Bich Samvad Lekhan अध्यापक और छात्र के बीच संवाद लेखन : In This article, We are providing अध्यापक और विद्यार्थी के बीच संवाद लेखन and Adhyapak aur Chatra ke ...

' border=

Join with us

Footer Logo

Footer Social$type=social_icons

  • loadMorePosts

You are using an outdated browser. Please upgrade your browser to improve your experience and security.

Thursday, 01 August 2024

Facebook

Agenda - The Sunday magazine

  • Cover Story
  • Top Stories

What's wrong in asking Rahul Gandhi's caste: Rijiju

What's wrong in asking Rahul Gandhi's caste: Rijiju

Union Minister Kiren Rijiju on Wednesday said there was nothing wrong in asking the caste of Congress leader Rahul Gandhi as he keeps doing the same and tries to "divide the country" on caste lines.

Responding to protests by opposition parties in the Lok Sabha over the remarks of BJP MP Anurag Thakur in the House on Tuesday that those whose caste is not known are talking about a caste census, the parliamentary affairs minister said Congress leaders keep asking people's caste day in and day out.

"By asking the caste of people, the Congress has conspired to divide the country, and when there was talk about Rahul Gandhi's caste, there was so much protest," he said.

Talking to reporters in the Parliament complex, Rijiju said, "The Congress talks of caste day in and day out. When he (Rahul Gandhi) meets mediapersons, he asks their caste, he asks the caste of armed forces personnel, he asks people's caste during the Bharat Jodo Yatra."

"They can ask about the caste of the people and no one can ask about his caste. What is this? (Samajwadi Party president) Akhilesh Yadav also supported Rahul Gandhi. Are they above the country and Parliament," the minister wondered.

He dubbed it a conspiracy to weaken the country and democracy and economy.

"The Congress wants to spread violence from the streets to Parliament," he alleged.

He asserted that the BJP will not allow the Congress to succeed in its efforts to divide people.

Responding to another question, Rijiju said the prime minister belongs to the OBC community and has been working for the upliftment of all communities. "Can't they see? They have always opposed reservation for OBCs, SCs and STs," he said.

He said while PM Modi has worked for OBCs, former prime ministers Jawaharlal Nehru and Rajiv Gandhi opposed such reservations.

Union minister Ramdas Athawale said while the opposition has been demanding a caste census, there was no harm in asking for Rahul Gandhi's caste.

He said, "You were in power for 70 years. Why did you not carry out a caste census?"

Trending News

Hamas says its leader Ismail Haniyeh was assassinated in Tehran by an Israeli airstrike

Hamas says its leader Ismail Haniyeh was assassinated in Tehran by an Israeli airstrike

'Golden Arms' of Surya, Rinku headline India's Super Over win, T20I series sweep

'Golden Arms' of Surya, Rinku headline India's Super Over win, T20I series sweep

Delhi coaching centre deaths: Now Preet Vihar under scanner as MCD launches sealing drive

Delhi coaching centre deaths: Now Preet Vihar under scanner as MCD launches sealing drive

Our shooters continue to make us proud: PM Modi

Our shooters continue to make us proud: PM Modi

India at Olympics: Manu Bhaker in contention for another bronze; archers crumble

India at Olympics: Manu Bhaker in contention for another bronze; archers crumble

Kerala landslides: Toll climbs to 45, rescue ops underway

Kerala landslides: Toll climbs to 45, rescue ops underway

Coaching centre deaths: heads roll in mcd, agency launches anti-encroachment drive.

Clinical India eye series whitewash against wobbly Sri Lanka in third T20I

Clinical India eye series whitewash against wobbly Sri Lanka in third T20I

Harris campaign says it raised record USD 200 million in less than a week

Harris campaign says it raised record USD 200 million in less than a week

Vice President Kamala Harris officially declares candidature for US presidential elections

Vice President Kamala Harris officially declares candidature for US presidential elections

One down, seven to go: China wins first diving gold as it pursues unprecedented sweep of all eight

One down, seven to go: China wins first diving gold as it pursues unprecedented sweep of all eight

Prime Video debuts trailer for season two of 'The Lord of the Rings: The Rings of Power'

Prime Video debuts trailer for season two of 'The Lord of the Rings: The Rings of Power'

State editions, rape accused shot in bareilly, up minister nandi’s son, daughter-in-law injured in road mishap, permission granted for seven new medical colleges in up classes to begin this session, aimplb delegation meets cm yogi, govt shifts eight ips officers, up to double waste mgmt capacity, says minister, sunday edition, international tiger day | don’t let the roar die down, rich legacy of india’s timeless cuisine, a pillar of corporate leadership, foodfreak | a culinary symphony, a dazzling debut in the world of kuchipudi, a celebration of connection, e-mail this link to a friend..

rajiv gandhi essay in hindi

Humhindi.in

Essay on Rajiv Gandhi in Hindi – राजीव गाँधी पर निबंध

हेलो दोस्तों आज फिर मै आपके लिए लाया हु Essay on Rajiv Gandhi in Hindi पर पुरा आर्टिकल। आज हम आपके सामने राजीव गाँधी के बारे में कुछ जानकारी लाये है जो आपको हिंदी essay के दवारा दी जाएगी। आईये शुरू करते है राजीव गाँधी पर निबंध

Essay on Rajiv Gandhi in Hindi

राजीव गाँधी विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के सबसे युवा प्रधानमंत्री थे। उस समय वे केवल 40 वर्ष के थे। वे श्रीमती इंदिरा गाँधी के सुपुत्र थे, जो 17 वर्षों तक प्रधानमंत्री के पद पर सुशोभित रही थीं। राजीव गाँधी के पिता श्री फिरोज़ खान भी हमारे देश के  नेता थे।

राजीव गाँधी का जन्म मुंबई में 20 अगस्त, 1944 को हुआ था। दिल्ली में अपनी प्रारंभिक शिक्षा के पश्चात् उन्हें देहरादून के दून स्कूल में दाखिल कर दिया गया। उन्होंने वहाँ से आई.एस.सी. की परीक्षा उत्तीर्ण की। तत्पश्चात् वे उच्च शिक्षा प्राप्त करने इंग्लैण्ड चले गए। वहाँ से वापस आने के बाद दिल्ली के फ्लाइंग क्लग के सदस्य बन गए। फिर उन्होंने कॉमर्शियल पायलट का लाइसेंस लिया और सह-पायलट के रूप में इंडियन एअरलाइन्स में नौकरी कर ली। उसके बाद उन्होंने इटली की सोनिया गाँधी से विवाह कर लिया। उनके दो बच्चे हैं- राहुल और प्रियंका।

उनके छोटे भाई संजय गाँधी 23 जून, 1980 को एक हवाई दुर्घटना में मारे गए। 11 मई, 1981 को अपने अथक प्रयासों से वे कांग्रेस पार्टी के सदस्य बने और 1981 में ही वे अमेठी से सांसद चुन लिए गए। तत्पश्चात् उन्हें कांग्रेस पार्टी का महासचिव चुना गया। फिर 31 अक्तूबर, 1984 को श्रीमती इंदिरा गाँधी की अपने ही सुरक्षा गार्डी द्वारा हत्या के बाद राजीव गाँधी प्रधानमंत्री बन गये। और आगजनी प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए उन्होंने अनेकों उनलब्धियाँ हासिल की।

श्रीमती इंदिरा गाँधी की हत्या के बाद देशभर में हत्या, होने लगी। उन्होंने इस अराजकता और अव्यवस्था को कुछ ही घंटों में शांत कर दिया। फिर दिसंबर, 1984 के अंतिम सप्ताह में लोकसभा के चुनाव हुए। इसमें उनकी योग्यता एवं कुशलता आश्चर्यजनक रूप से सबके सामने उभरकर आ गई। कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा की 542 सीटों में से 411 सीटें जीत लीं। फिर उन्होंने सबसे पहले लाइसेंस राज’ को समाप्त किया, शिक्षा व्यवस्था को सुधारा, विज्ञान और टैक्नोलॉजी के विकास को एक नया स्वरूप प्रदान किया और संयुक्त राष्ट्र संघ से अच्छे संबंध स्थापित किए।

प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए राजीव गाँधी ने एक स्वच्छ और ईमानदार सरकार देने का अपना वादा शत-प्रतिशत पूरा किया। राजीव गाँधी 1991 में चुनाव होने तक कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष रहे। उसी चुनाव अभियान में, एक आत्मघाती एल.टी.टी.ई. महिला थेनमुली राजरतनम ने उनकी हत्या कर दी। वह दिन 21 मई, 1991 था जब उनकी उम्र मात्र 46 वर्ष थी। उस समय वे तमिलनाडु के श्री पेरूंबुदूर में थे। तत्पश्चात् उनकी महान् उपलब्धियों और देश की सेवा के लिए उन्हें (मरणोपरांत) भारत का सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार भारत रत्न से विभूषित किया गया। इससे पूर्व श्रीमती इंदिरा गाँधी को भी भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका था। ये पुरस्कार पाने वाले वे 40वें व्यक्ति थे।

भारत के लिए उनकी महान् उपलब्धियाँ सदैव स्मरण रहेंगी।

  • LaLa Lajpat Rai Essay in Hindi 
  • Essay on rajendra prasad in Hindi 
  • Essay on lal bahadur Shastri in hindi
  •  vigyan se labh hani essay in hindi
  • Essay on Gautam Buddha in Hindi

' src=

Romi Sharma

I love to write on humhindi.in You can Download Ganesha , Sai Baba , Lord Shiva & Other Indian God Images

Related Posts

essay on Taj Mahal

ताजमहल पर निबंध Essay on Taj Mahal in Hindi

Essay on Technology in Hindi

विज्ञान और तकनीकी पर निबंध Essay on Technology in Hindi

Essay on Television in Hindi

टेलीविजन पर निबंध Essay on Television in Hindi @ 2018

Essay on Summer Vacation in Hindi

गर्मी की छुट्टी पर निबंध Essay on Summer Vacation in Hindi

4 thoughts on “ essay on rajiv gandhi in hindi – राजीव गाँधी पर निबंध ”.

Aap info.kaha se late hai?

Thanks theguidex for fantastic info on backlink.Its Very good short article truly helpful.After reading this article everyone can understand what is backlinks and also exactly how to make best usage to create backlink

आपके वेबसाईट पर दी गई जानकारी बहुत ही महत्व पूर्ण और उपयोगी हैं।

यह जानकारी बहुत ही उपयोगी हैं

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed .

' height=

हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika

  • मुख्यपृष्ठ
  • हिन्दी व्याकरण
  • रचनाकारों की सूची
  • साहित्यिक लेख
  • अपनी रचना प्रकाशित करें
  • संपर्क करें

Header$type=social_icons

राजीव गांधी पर निबंध | essay on rajiv gandhi in hindi.

Twitter

राजीव गांधी शिक्षा राजीव गांधी पर निबंध Essay on Rajiv Gandhi in Hindi राजीव गांधी की जीवनी राजीव गांधी का योगदान राजीव गांधी का जन्म राजीव गांधी के विचार राजीव गांधी पुण्यतिथि राजीव गांधी डेथ राजीव गांधी की हत्या का कारण - जिस किसी व्यक्ति का जन्म आजाज़ी के बाद के भारत में हुआ है ,वह व्यक्ति राजीव गांधी के जीवन और समय से भलीभांति परिचित है .

राजीव गांधी पर निबंध   Essay on Rajiv Gandhi in Hindi

राजीव गांधी का जीवन परिचय .

राजीव गांधी

सबसे युवा प्रधानमंत्री 

युवा भारत के नेता , अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में नेतृत्व , शांति और सौहार्द के प्रतीक  .

rajiv gandhi essay in hindi

Please subscribe our Youtube Hindikunj Channel and press the notification icon !

Guest Post & Advertisement With Us

[email protected]

Contact WhatsApp +91 8467827574

हिंदीकुंज में अपनी रचना प्रकाशित करें

कॉपीराइट copyright, हिंदी निबंध_$type=list-tab$c=5$meta=0$source=random$author=hide$comment=hide$rm=hide$va=0$meta=0.

  • hindi essay

उपयोगी लेख_$type=list-tab$meta=0$source=random$c=5$author=hide$comment=hide$rm=hide$va=0

  • शैक्षणिक लेख

उर्दू साहित्य_$type=list-tab$c=5$meta=0$author=hide$comment=hide$rm=hide$va=0

  • उर्दू साहित्‍य

Most Helpful for Students

  • हिंदी व्याकरण Hindi Grammer
  • हिंदी पत्र लेखन
  • हिंदी निबंध Hindi Essay
  • ICSE Class 10 साहित्य सागर
  • ICSE Class 10 एकांकी संचय Ekanki Sanchay
  • नया रास्ता उपन्यास ICSE Naya Raasta
  • गद्य संकलन ISC Hindi Gadya Sankalan
  • काव्य मंजरी ISC Kavya Manjari
  • सारा आकाश उपन्यास Sara Akash
  • आषाढ़ का एक दिन नाटक Ashadh ka ek din
  • CBSE Vitan Bhag 2
  • बच्चों के लिए उपयोगी कविता

Subscribe to Hindikunj

rajiv gandhi essay in hindi

Footer Social$type=social_icons

IMAGES

  1. Rajiv Gandhi essay in Hindi

    rajiv gandhi essay in hindi

  2. Essay on Rajiv Gandhi in Hindi

    rajiv gandhi essay in hindi

  3. राजीव गांधी पर निबंध Essay on Rajiv Gandhi in Hindi

    rajiv gandhi essay in hindi

  4. Biography of Rajiv Gandhi in Hindi

    rajiv gandhi essay in hindi

  5. Gandhi ji short essay in Hindi

    rajiv gandhi essay in hindi

  6. देशरत्न राजीव गाँधी पर निबंध / essay on Rajiv Gandhi in hindi

    rajiv gandhi essay in hindi

VIDEO

  1. राजीव गांधी निबंध प्रतियोगिता 2021।। Rajiv Gandhi essay 2021।। Rajiv Gandhi nibandh 2021।।

  2. महात्मा गांधी पर निबंध/महात्मा गांधी पर 15 लाइन/essay on Mahatma Gandhi/Mahatma Gandhi Essay l

  3. गांधी जयंती निबंध (200 शब्द)

  4. 130 words essay writing in Mahatma Gandhi # essay writing # short video #❤️❤️😍😍💯

  5. Essay on Mahatma Gandhi in Hindi Essay Writing/महात्मा गांधी पर निबंध

  6. महात्मा गांधी पर निबंध

COMMENTS

  1. राजीव गांधी

    राजीव गांधी ( 20 अगस्त, 1944 - 21 मई, 1991 ), इन्दिरा गांधी और फिरोज गांधी के बड़े पुत्र और जवाहरलाल नेहरू के दौहित्र (नाती), भारत के सातवें ...

  2. राजीव गांधी पर निबंध Essay on Rajiv Gandhi in Hindi

    इस अनुच्छेद मे हमने राजीव गांधी पर निबंध Essay on Rajiv Gandhi in Hindi लिखा है। यह लेख 800 शब्दों मे लिखा गया है। इसमे हमने उनके विषय मे लघु रूप मे बताया है।

  3. Essay on Rajiv Gandhi: राजीव गांधी पर हिन्दी निबंध

    Essay on Rajiv Gandhi: राजीव गांधी पर हिन्दी निबंध. प्रस्तावना : राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को मुंबई में हुआ था। भारत को आजाद होने में अभी तीन ...

  4. राजीव गाँधी पर निबन्ध

    राजीव गाँधी पर निबन्ध | Rajeev Gandhi Essay in Hindi | Essay in Hindi | Hindi Nibandh | हिंदी निबंध | निबंध लेखन | Essay on Rajeev Gandhi in Hindi

  5. राजीव गांधी पर निबंध

    Rajiv Gandhi Short Essay in Hindi. राजीव गाँधी जैसे युवा नेता की दूरदर्शिता के फलस्वरूप ही देश कम्प्यूटर युग में प्रवेश कर सका है । जब कम्प्यूटर के ...

  6. राजीव गांधी जीवन परिचय

    राजीव गांधी जीवन परिचय - Rajiv Gandhi Biography in Hindi. एक नजर में - ... Thanks for the rajiv gandhi information. Reply. Stuti sonker. September 1, 2019 at 01:54.

  7. Rajiv Gandhi : राजीव गांधी पर हिन्दी में निबंध

    आधुनिक भारत का सपना देखने वाले भारत रत्न राजीव गांधी (rajiv gandhi) का जन्म मुंबई में 20 अगस्त 1944 को हुआ था। भारत को आजाद होने में अभी 3 वर्ष बाकी थे। - Short Essay on Rajiv Gandhi

  8. राजीव गांधी की वो उपलब्धियां जिसके लिए देश आज भी करता है उन्हें याद

    युवा सोच वाले राजीव गांधी को 21 वीं सदी के भारत का निर्माता भी कहा ...

  9. Essay on Rajiv Gandhi in Hindi राजीव गांधी पर निबंध

    Read essay on Rajiv Gandhi in Hindi in 1000 and 2000 words for students of class 1 to 12, SSC and PO. राजीव गांधी पर निबंध हिंदी में

  10. Rajiv Gandhi Biography in Hindi

    राजीव गांधी की हत्या क्यों हुई, rajiv gandhi biography in Hindi pdf, ... Essays in Hindi; Delhi University. Delhi University Admission News in Hindi; Hindi Quotes; Hindi Kavita; News Updates; Meet 75+ universities in Mumbai on 30th April Register.

  11. rajiv gandhi essay in hindi

    rajiv gandhi essay in hindi | राजीव गांधी पर निबंध | Rajeev Gandhi par nibandhAbout this videoIn this video you will learn how to write essay on Rajiv Gandhi...

  12. Rajiv Gandhi Essay in Hindi

    Rajiv Gandhi essay in Hindi (Short Essay)- ४५० Words. Particulars. Description. राजीव गांधी जन्म तिथि. 20 August 1944. राजीव गांधी मृत्यु तिथि. 21 May 1991. मृत्यु आयु (मृत्यु के समय आयु) 46 years.

  13. राजीव गांधी पर निबंध Essay on Rajiv Gandhi in Hindi

    आज हम राजीव गांधी पर निबंध पढ़ेंगे। आप Essay on Rajiv Gandhi in Hindi को ध्यान से और मन लगाकर पढ़ें और समझें। यहां पर दिया गया निबंध कक्षा ...

  14. राजीव गांधी पर निबंध (Essay on Rajiv Gandhi in Hindi)

    राजीव गांधी पर निबंध (Essay on Rajiv Gandhi in Hindi)

  15. Rajiv Gandhi

    Rajiv Gandhi (/ ˈ r ɑː dʒ iː v ˈ ɡ ɑː n d iː / ⓘ; Hindi pronunciation: [raːdʒiːʋ ɡaːndʱiː]; 20 August 1944 - 21 May 1991) was an Indian politician who served as the Prime Minister of India from 1984 to 1989. He took office after the assassination of his mother, then-prime minister Indira Gandhi, to become at the age of 40 the youngest Indian prime minister.

  16. इस तरह रची गई थी राजीव गांधी की हत्या की पूरी साजिश...

    आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 27वीं पुण्यतिथि है. 21 ...

  17. राजीव गाँधी की हत्या

    राजीव गाँधी की हत्या. 21 मई 1991 को सुबह 10 बजे के करीब एक महिला राजीव गांधी के पांव छूने के लिए जैसे ही झुकी उसके शरीर में लगा आरडीएक्स फट ...

  18. मेरे प्रिय नेता राजीव गांधी पर निबंध। Essay on Rajiv Gandhi in Hindi

    मेरे प्रिय नेता राजीव गांधी पर निबंध। Essay on Rajiv Gandhi in Hindi : राजीव गांधी का पूरा नाम राजीव रत्न गांधी था। श्रीमान राजीव गांधी भारत के सबसे ...

  19. JP Nadda fires back at Rahul Gandhi: 'How many OBC, SC, ST are on ...

    Rahul Gandhi, during his speech in the Lok Sabha on Monday, showed a poster of the traditional Halwa ceremony, held at the Ministry of Finance ahead of the Budget 2024.

  20. 'How many OBCs in Rajiv Gandhi Foundation?': Sitharaman fires ...

    The Finance Minister also quoted Rajiv Gandhi, who in an interview in March 1985 said: "No promotion of idiots in the name of reservation and that promoting idiots in the name of reservation would ...

  21. What's wrong in asking Rahul Gandhi's caste: Rijiju

    Union Minister Kiren Rijiju on Wednesday said there was nothing wrong in asking the caste of Congress leader Rahul Gandhi as he keeps doing the same and tries to "divide the country" on caste lines.

  22. Essay on Rajiv Gandhi in Hindi

    हेलो दोस्तों आज फिर मै आपके लिए लाया हु Essay on Rajiv Gandhi in Hindi पर पुरा आर्टिकल। आज हम आपके सामने राजीव गाँधी के बारे में कुछ जानकारी लाये है जो आपको हिंदी essay के ...

  23. 'Rahul Gandhi's family's caste is...': Congress's reaction to ...

    Rahul Gandhi's father is a martyr and this family's caste is martyrdom. This the RSS, the BJP and Thakur can never understand," Khera said in a video statement. Rahul Gandhi today claimed that he ...

  24. राजीव गांधी पर निबंध

    राजीव गांधी शिक्षा राजीव गांधी पर निबंध Essay on Rajiv Gandhi in Hindi राजीव गांधी की जीवनी राजीव गांधी का योगदान राजीव गांधी का जन्म राजीव गांधी के विचार राजीव गांधी ...