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essay on mother in hindi। माँ पर निबंध

essay on mother in hindi

माँ भगवान् का स्वरुप है, अपने जीवन से बढ़कर यदि संतान को प्रेम करने वाला कोई है तो वो केवल माँ ही हो सकती है। आज हम आपके लिए इस पोस्ट में essay on mother in hindi ले कर आये है । माँ पर निबंध को आप स्कूल और कॉलेज इस्तेमाल कर सकते है । इस हिंदी निबंध को आप hindi essay on mother for class 1, 2, 3 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 तक के लिए थोड़े से संशोधन के साथ प्रयोग कर सकते है।

मां ईश्वर की एक ऐसी रचना है जो ईश्वर के समान है। बड़े बुजुर्ग कहते है कि भगवान हर जगह नही रह सकते इसीलिए उन्होंने  हर घर मे मां की रचना की। जिससे एक चलते फिरते भगवान से ये दुनिया अवगत हो। मां के बारे में हम आमजन जितना भी बोले वह कम ही है। इस पूरी सृष्टि में मां का कोई विकल्प नही। हमारे जीवन का सबसे अनमोल तोहफा मां है। वह हमे ज़िंदगी के हर सुख प्रदान करती है। चाहे वह स्वयं दुखी रह लेंगी परंतु अपनी संतान को वह कभी दुखी नही देख सकती। मां संतान का एक अभिन्न अंग होती है। हम सभी ने अपने जीवन में मां के प्रेम, समर्पण व शिक्षा का अनुभव ज़रूर किया है। शुरुवात करेंगे स्त्री से , हर मां स्त्री पहले होती है। कहते है कि स्त्री का हृदय कोमल होता है। लेकिन जिस स्थिति में स्त्री का हृदय सबसे कोमल होता है वह उसके मां बनने पर होता है। एक मां दुनिया के सारे रिवाजों को निभाते हुए अपनी संतान की जुम्मेदारी लेती है। वह इस दुनिया मे अपनी संतान के लिए  किसी से भी लड़ने के लिए तैयार होती है। साथ ही वह अपनी संतान की खुशी के लिए किसी के सामने झुकने को भी तैयार रहती है। 

प्रस्तावना- एक मां के समर्पण के बारे में हम सभी जानते है। मां अपनी संतान की खुशियों के लिए हर सम्भव प्रयास करती है। वह कठोर से कठोर त्याग करती है जिससे उनकी संतान के जीवन मे खुशियां रहे। एक मां के लिए उसकी सभी संतान एक होती है। चाहे वह लड़का हो या लड़की। चाहे संतान कितनी भी उम्र की क्यों न हो जाये मां के लिए वह छोटे बच्चे के समान ही रहता है। एक मां के लिए अपनी सभी संतान एक समान होती है। एक संतान को जन्म देने वाली मां का अपने पुत्र व पुत्री पर सर्वप्रथम व सबसे अधिक अधिकार होता है। पुत्र व पुत्री को इस दुनिया मे लाने वाली मां से बढ़ा ओधा किसी और का नही होता। इस दुनिया मे हर कार्य की कुछ विशेषता होती है। ठीक वैसे ही हमे जीवन देने वाली मां की अद्बुद्ध विशेषताएं है। जिसपर हम कुछ क्षण पश्च्यात गौर फरमाएंगे। संतान को जन्म देकर एक औरत मां का ओधा पाती है। किसी को जीवन देना वह विश्व के हर कार्य से सर्वोपरी है। इसीलिए मां को सर्वोपरि माना जाता है। 

मां की विशेषताएं-  

◆ यह नादान मनुष्य हर कार्य के लिए पैसे ले सकता है। जीवन का कोई भी कार्य हो आमजन बिना पैसे के या अन्य किसी लालच के नही करते। कोई भी काम को करने का उनका उद्देश्य पैसे कामना होता है। लेकिन सिर्फ मां होती है जो जीवन भर अपनी संतान को निष्काम रूप से प्रेम करती है। जो बिना किसी स्वार्थ के अपनी संतान की खुशियों के लिए हर संभव प्रयास करती है। मां अपने प्रेम के लिए कोई पैसा नही लेती। वह एक दिन दो दिन नही बल्कि अपनी जीवन के आखरी क्षण तक अपनी संतान की परवाह करती है। बिना किसी स्वार्थ के वह अपने पुत्र व पुत्री का हर काम करती है। खुद अधिक से अधिक कठनाइयों का सामना कर  अपनी संतान को सभी परेशानियों से दूर रखती है।

◆ इस जीवन मे हर छोटी बड़ी चीज़ का दाम लगाया जा सकता है। परंतु मां की ममता का दाम लगाने की किसी मनुष्य की हिम्मत नही। मां की ममता इतनी अनमोल है कि मां अपनी संतान की रक्षा के लिए अपने आप की जान न्योछावर करने के लिए तैयार होती है। अपने पुत्र व पुत्री के लिए जान भी देना पड़े तो माँ कभी पीछे नही हटती। यह अन्य किसी भी रिश्ते से सबसे बड़ा रिश्ता है। अन्य कोई रिश्ते में जान न्योछावर करने की क्षमता नही होती। मां के अलावा कोई मनुष्य व जानवर नही है जो अपनी ममता से अपनी संतान को हर सुख प्राप्त करवा सके।

 ◆ मां नौ माह तक हमे अपने गर्भ में रखती है। उसे अनंत कठिनाइयों व पीड़ा का सामना करना पड़ता है। इसके बाद भी वह अपनी संतान के लिए हर पीड़ा को खुशी-खुशी सहन करती है। अपनी संतान के अलावा उस वक़्त उस मां के लिए कोई ज़रुरी नही होता। इसके बाद हमारे पैदा होने के बाद से जो हर क्षण हमारे साथ हमारे जीवन के हर उतार चढ़ाव में रहती है वह मां है। मां एक अभिन्न अंग होने के साथ ममता की जीती जागती मूरत है।

◆ आज संसार विभिन्न जाती, वर्ग, धर्म, सम्प्रदाय में बंटा हुआ है। लेकिन मां की ममता का कोई धर्म कोई जाति कोई सम्प्रदाय नही होता। उसकी ममता अपनी संतान के लिए निष्काम होती है। वह इन सभी चोंचलों से परी है। इन सभी की विभिन्नता के बावजूद मां की ममता सर्वोपरि व सबसे ऊपर है। 

◆ मां हर रुतबे से बड़ी है। विशेषकर मां कभी गरीब व अमीर नही होती। चाहे कितनी भी खराब स्थिति में मां क्यों न रहे वह अपने पुत्र व पुत्री को एक अच्छा जीवन देने का प्रयास करती है। चाहे कितनी भी गरीबी में उन्हें क्यों ना जीना पड़े वह अपनी संतान के लिए अच्छा खाना, अच्छी शिक्षा, अच्छा माहौल देने का प्रयास करती है। एवं वह जितना कर सकती हैं उससे कई ज़्यादा वह अपनी संतान के लिए करती है। मां  के पास अपनी संतान को रखने के लिए चाहे पैसों की कमी क्यों न हो वह अपनी संतान के भरण पोषण के लिए दिन-रात जी जान लगा कर कार्य करती है। मां की ममता का कोई दाम नही होता हर मां अपनी संतान की खुशियों के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित करती है।

◆ एक मां हमेशा अपनी संतान का भला चाहती है। मां ने चाहे कितने भी संघर्षो के साथ अपना जीवन क्यों न बिताया हो पर वह अपनी संतान के लिए एक बढ़िया जीवन की कामना करती हैं। वह अपनी संतान के जीवन मे खुशहाली, मिठास की कामना करती है। वह हर प्रयास कर अपनी संतान को जीवन का हर सुख देती है। और भविष्य में उसे परेशान ना होना पड़े इसकी कामना करती है। 

◆ एक मां के लिए उसका पुत्र काला , गौरा, लंबा, छोटा नही होता। मां के लिए पुत्र व पुत्री दोनो समान होती है और मां कभी भी ना लड़का लड़की में भेद भाव करती है, और ना ही रंग रूप व कद काठी में। मां की ममता उसकी हर संतान के लिए समान होती है। ज़माने के लिए चाहे उसकी संतान कैसी भी क्यों ना हो पर मां के लिए हमेशा उसकी संतान अव्वल होती है।चाहे लोग कुछ भी बोले मां के लिए उसका पुत्र व पुत्री सबसे अच्छा होता है। चाहे उसकी संतान ज़माने के लिए विकलांग क्यों ना हो पर मां के लिए वह सम्पन्न होता है। माँ की ममता ये रंग-रूप, कद-काठी की महोताज नही है। वह इन सभी से कोसो ऊपर है। वह अनमोल से भी अनमोल दिखावटी चीजों से भी ऊपर है।

 ◆  दुनिया वाले चाहे कितना भी कष्ट पहुचाने का प्रयास क्यों न करे व कितनी बेकार परिस्थिति क्यों ना आजाये मां अपनी संतान के सामने हमेशा ढाल बनकर खड़ी होती है। 

◆ मां अपनी संतान को जीवन जीना सीखती है। मां अपनी संतान को संस्कारों से सम्पन्न करती है। उसमे अन्य लोगो के प्रति आदर, सम्मान, अपनापन, दीनता, परोपकार का भाव पैदा करती है। जिससे वह अपने जीवन के नैतिक मूल्यों को ना भूले। मां अपनी संतान को ऐसे संस्कार देती है जिससे वह जहां भी जाये खूब कीर्ति व ख्याति प्राप्त करे। 

मां का अपमान व बुज़ुर्ग अवस्था- बचपन मे हमे हाथ पकड़ कर चलना सीखाने वाली मां को हम बड़े होकर वृद्ध आश्रम में छोड़ जाते है। क्या यही दिन देखने के लिए उन्होंने हमे चलना सीखाया था? हम बड़े होकर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से अपनी ही मां के साथ अपमानजनक व्यवहार करते है। क्या यही अपमान देखने के  लिए उन्होंने हमे हर कठिनाईयों से दूर रखा? हमारे बड़े होने पर हमें अन्य हर रिश्ते महत्वपूर्ण लगते है। क्या यही व्यवहार देखने के लिए उन्होंने हमे हर बेहकावों से बचा कर रखा?

ऐसे नाजाने कितनी बार हम मां के साथ गलत व्यवहार करते है। हम बड़े होकर उनके हर समर्पण को भूल जाते है जो वह हमारे लिए बचपन से करती आ रही है।

उपसंहार- मां इस सृष्टि की सबसे खूबसूरत व कोमल रचना है। जिसके बिना मनुष्य ममता से अछूता रहेगा। मां का प्रेम पाने वाले हम सब नसीबवाले है। हमे हमेशा उनके समर्पण को याद रख उनके चरणों मे समर्पित रहना चाहिए। जिस तरह से उन्होंने अपनी छाया में हमे सुरक्षित रखा ठीक उसी तरह हमे भी उनका ख्याल रखना चाहिए। उनकी खुशियों का ध्यान रख उन्हें समय देकर हर उन्हें जीवन का हर सुख प्राप्त करवाना चाहिए। 

हमें आशा है आपको mother in hindi निबंध पसंद आया होगा। आप इस निबंध को mother day essay in hindi के रूप में भी प्रयोग कर सकते है। इस निबंध को essay on my mother in hindi के लिए भी प्रयोग कर सकते है ।

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माँ पर निबंध (Mother Essay in Hindi)

माँ

माँ से बेहतर किसी को भी नहीं माना जा सकता है, उसके प्यार और देख-रेख को।

“खुदा का दूसरा रूप है माँ ममता की गहरी झील है माँ वो घर किसी जन्नत से कम नहीं जिस घर मे खुदा की तरह पूजी जाती है माँ”

माँ पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Mother, Ma par Nibandh Hindi mein)

माँ पर निबंध 1 (250 शब्द).

माँ दुनिया का सबसे प्यारा शब्द है। माँ शब्द उस भाव का परिचायक है जो निस्वार्थ भाव से प्रेम लुटाती है। माँ से ही इस संसार का अस्तित्व है। माँ को धन्यवाद देने और आदर के लिये हर साल 5 मई को मातृ दिवस के रुप में मनाया जाता है।

मेरी माँ का रहन सहन और व्यवहार

मेरी माँ हमेशा हमारा ध्यान रखती है और प्यार करती है। अपने जीवन मे वो हमें प्राथमिकता देती है और हमारे बुरे समय में हमारी हिम्मत बनती है है। वो हमारे हर सुख-दुख का कारण जानती है और कोशिश करती है कि हम हमेशा खुश रहें। मेरी माँ धार्मिक और ईश्वर में श्रद्धा रखने वाली है। माँ के आसपास होने पर हमें पूर्णता का एहसास होता है।

मेरा और माँ का सम्बन्ध

माँ और बच्चों के बीच में एक खास बंधन होता है। वो हमारी हर बात को समझती है। माँ हमारे कुछ कहने से पहले ही हमारे मन को पढ़ लेती है और हमारी आवश्यक वस्तु हमारे समक्ष रख देती है। माँ होना अपने आप में एक विशिष्ट बात है। परन्तु हमें एक माँ को समझना भी चाहिए।उसके निस्वार्थ भाव में छिपे दर्द , थकान और संघर्ष को भी समझना चाहिए।

हमें जीवन भर अपने माँ का ख्याल रखना चाहिए। माँ रूपी सागर में समस्त संसार समाया हुआ है। हम सभी को माँ का सम्मान करना चाहिए और उन्हें प्रेम देना चाहिए। माँ के बारे में किसी शायर ने कहा है की ” मैंने जन्नत तो नहीं देखी , मगर माँ को देखा है ”।

निबंध 2 (300 शब्द)

हर एक के जीवन में माँ ही एक ऐसी होती है जो हमारे दिल में किसी और की जगह नहीं ले सकती है। वो प्रकृति की तरह है जो हमेशा हमको देने के लिये जानी जाती है, बदले में बिना कुछ भी हमसे वापस लिये। हम उसे अपने जीवन के पहले पल से देखते है जब इस दुनिया में हम अपनी आँखे खोलते है। जब हम बोलना शुरु करते है तो हमारा पहला शब्द होता है माँ। इस धरती पर वो हमारी पहला प्यार, पहला शिक्षक और सबसे पहला दोस्त होती है । जब हम पैदा होते है तो हम कुछ नहीं जानते और कुछ भी करने के लायक नहीं होते हालाँकि ये माँ ही होती है जो हमें अपनी गोद में बड़ा करती है। वो हमें इस काबिल बनाती है कि हम दुनिया को समझ सकें और कुछ भी कर सकें।

वो हमेशा हमारे लिये उपलब्ध रहती है ईश्वर की तरह हमारी परवरिश करती है। अगर इस धरती पर कोई भगवान है तो, वो हमारी माँ है। कोई भी हमें माँ की तरह प्यार और परवरिश नहीं कर सकता और कोई भी उसकी तरह अपना सबकुछ हमारे लिये बलिदान नहीं कर सकता। वो हमारे जीवन की सबसे बेहतरीन महिला होती है जिसकी जगह किसी के भी द्वारा भविष्य में नही बदली जा सकती। बहुत थकने के बावजूद भी वो हमेशा हमारे लिये बिना थके हुये की तरह कुछ भी करने को तैयार रहती है। वो हमें बड़े प्यार से सुबह भोर में उठाती है, नाश्ता बनाती है और दोपहर का खाना और पीने का बोतल हमेशा की तरह देती है।

दोपहर में सभी काम-काज खत्म करने के बाद वो दरवाजे पर हमारा इंतजार करती है। हमारे लिये वो रात का जायकेदार खाना बनाती है और हमेशा हमारे पसंद-नापसंद का ध्यान रखती है। वो हमारे प्रोजेक्ट और स्कूल होमवर्क में भी मदद करती है। जिस तरह एक महासागर बिना पानी के नहीं हो सकता उसी तरह माँ भी हमें ढ़ेर सारा प्यार और देख-रेख करने से नहीं थकती है। वो अनोखी होती है और पूरे ब्रम्हाण्ड में एकमात्र ऐसी है जिसे किसी से नहीं बदला जा सकता। वो हमारे सभी छोटी और बड़ी समस्याओं का असली समाधान है। वो इकलौती ऐसी होती है जो कभी भी अपने बच्चों को बुरा नहीं कहती और हमेशा उनका पक्ष लेती है।

निबंध 3 (400 शब्द)

इस दुनिया में किसी भी चीज को माँ के सच्चे प्यार और परवरिश से नहीं तौला जा सकता। वो हमारे जीवन की एकमात्र ऐसी महिला है जो बिनी किसी मंशा के अपने बच्चे को ढ़ेरा सारा प्यारा परवरिश देती है। एक माँ के लिये बच्चा ही सबकुछ होता है। जब हम मजबूर होते है तो वो हमेशा जीवन में किसी भी कठिन कार्य को करने के लिये हमें प्रेरित करती है। वो एक अच्छी श्रोता होती है और हमारे हर अच्छी और बुरी बातों को सुनती है जो हम कहते है। वो हमें कभी रोकती नहीं और किसी हद में नहीं बाँधती। वो हमें अच्छे-बुरे का फर्क करना सीखाती है।

सच्चे प्यार का दूसरा नाम माँ है जो केवल एक माँ हो सकती है। उस समय से जब हम उसकी कोख में आते है, जन्म लेते है और इस दुनिया मे आते है पूरे में जीवन भर उसके साथ रहते है। वो हमें प्यार और परवरिश देती है। माँ से अनमोल कुछ भी नहीं जो भगवान के द्वारा आशीर्वाद समान होता है इसलिये हमें ईश्वर का आभारी होना चाहिये। वो सच्चे प्यार, परवरिश और बलिदान का अवतार होती है। वो एक ऐसी होती है जो हमें जन्म देकर मकान को मीठे घर में बदल देती है।

वो एक ऐसी है जो पहली बार हमारे स्कूल की शुरुआत घर में ही करती है हमारे जीवन की सबसे पहली और प्यारी शिक्षक होती है। वो हमें जीवन का सच्चा दर्शन और व्यवहार करने का तरीका सीखाती है। इस दुनिया में हमारे जीवन के शुरु होते ही वो हमें प्यार करती है और हमारा ध्यान देती है अर्थात उसकी कोख में आने से उसके जीवन तक। बहुत दुख और पीड़ा सहकर वो हमें जन्म देती है लेकिन इसके बदले में वो हमेशा हमें प्यार देती है। इस दुनिया में कोई भी ऐसा प्यार नहीं है जो बहुत मजबूत, हमेशा के लिये निस्वार्थ हो, शुद्ध और समर्पित हो। वो आपके जीवन में अंधकार को दूर करके रोशनी भरती है।

हर रात को वो पौराणिक कथाएँ सुनाती है, देवी-देवताओं की कहानियाँ और दूसरी राजा-रानीयों की ऐतिहासिक कहानियाँ सुनाती है। वो हमेशा हमारे स्वास्थ्य, शिक्षा, भविष्य और अजनबियों से हमारी सुरक्षा को लेकर बहुत चिंतित रहती है। वो हमेशा हमें जीवन में सही दिशा की ओर आगे बढ़ाती है और सबसे खास बात कि वो हमारे जीवन में खुशियाँ फैलाती है। वो हमें छोटे और असमर्थ बच्चे से मानसिक, शारीरिक, सामाजिक और बौद्धिक मनुष्य बनाती है। वो हमेशा हमारा पक्ष लेती है और भगवान से हमारे स्वास्थ्य और अच्छे भविष्य के लिये पूरे जीवन भर प्रार्थना करती है इसके बावजूद कि हम कई बार उनको दुखी भी कर देते है। लेकिन हमेशा उसके मुस्कुराते चेहरे के पीछे एक दर्द होता है जिसे हमें समझने की जरुरत है ध्यान रखने की जरुरत है।

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Essay on Mother in Hindi : स्टूडेंट्स के लिए 150, 300 और 700 शब्दों में माँ पर निबंध

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  • Updated on  
  • सितम्बर 6, 2023

Essay on Mother in Hindi

माँ शब्द बहुत ही छोटा शब्द है, लेकिन इसकी गहराई को कोई नहीं माप सकता है। माँ कोई कुछ शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है। मां के लिए हर एक व्यक्ति की अपनी परिभाषा है। माँ को हम भगवान के रूप में भी देखते है, या कहे वो भगवान का ही एक रूप है। माँ आप पर आयी हर परेशानी को चुटकियों में एक जादू की तरह दूर करने वाली जादूगर होती है। माँ हमारी सबसे पहली गुरु होती है, माँ जो कुछ भी शती है वो अपने बच्चों तक नहीं आने देती है। माँ की जगह कोई नहीं ले सकता। हम जब स्कूल में पढतेहै तो बहुत सी कबिता कहानिया माँ से संबंधित पढ़ने को मिलती है। और कभी कभी बच्चों से माँ पर निबंध लिखने को भी खा जाता है। तो ऐसे में बच्चों को कभी कभी समझ नहीं आता की वो शुरुआत किसे करें या क्या लिखे, इसे देखते हुए आज हम इस ब्लॉग में माँ पर निबंध लिख रहे हैं, Essay on Mother in Hindi अंत तक पढ़े। 

Essay on Mother in Hindi : माँ पर निबंध (150 शब्द) 

150 शब्दों में Essay on Mother in Hindi सैंपल नीचे प्रस्तुत है। 

माँ उस को कहा जाता है जो जीवन भर अपने बच्चों की भलाई, वृद्धि, विकास और कल्याण के लिए हमेशा त्याग करती है और अपने बच्चों को प्राथमिकता देती है। एक माँ न केवल एक बच्चों को जन्म देती है बल्कि उसे प्यार करने, देखभाल करने और बिना किसी शर्त के खुद को आजीवन समर्पण करने को तैयार रखती है।

हर व्यक्ति के जीवन में माँ एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, क्योंकि वह सिर्फ अपने बच्चों को प्यार, दुलार करती है। बल्कि वह एक रक्षक, मित्र और साथ ही एक अनुशासन की भूमिका भी निभाती है। माँ एक निस्वार्थ, प्यार करने वाली देवी होती है, जिसके लिए त्याग और प्यार की कोई सीमा नहीं होती है। मेरी माँ मेरे दिल में एक विशेष स्थान रखती हैं। मेरे माँ ने मेरे लिए जो भी समर्पण किये है, मैं कितना भी कर लू उसके इस कर्ज को कभी नहीं चुकाने लायक बन सकता हूँ।  

Essay on Mother in Hindi

Essay on Mother in Hindi : माँ पर निबंध (300 शब्द) 

300 शब्दों Essay on Mother in Hindi कुछ इस प्रकार है –

परिचय 

माँ जिसे मैं दुनिया के हर इंसान से सबसे ऊपर रखता हूँ। क्योंकि बचपन से ही ‘एक माँ की गोद किसी भी अन्य की तुलना में अधिक आरामदायक होती है’, मैं हर एक परिस्थिति मानता हूँ। मेरी माँ एक निस्वार्थ, समर्पित और प्यार करने वाली महिला का एक आदर्श उदाहरण हैं। वह सबसे मजबूत है और मेरे परिवार और मेरी खुशियों के लिए किसी भी हद तक खुद को समर्पित करती है।

माँ की अनमोल ममता और साथ 

मेरी माँ निरंतर समर्थन और जीवन में आने वाले हर उतार-चढ़ाव के दौरान मेरे साथ खड़ी रहीं। मैंने अक्सर बीमारी और अन्य बुरे दिनों में मेरी देखभाल करते हुए रातों की नींद को उसे खरब करते देखा है। मेरी माँ मेरी पहली शिक्षिका थीं जिन्होंने मुझे जीवन के हर कदम पर सिखाया और परिवार, समाज और बड़ों का आदर करना सिखया। उन्होंने कभी गलत के आगे न झुकना और गलती पर पहले आगे आकर माफ़ी माँगना सिखाया। जब मैं किसी चीज को लेकर बहुत परेशान हुआ तो उसने धैर्य रखना सिखाया। परिवार में मेरी माँ का योगदान मुझे हमेशा सही रास्ते पर चलते रहने के लिए प्रेरित करता है। मई अपनी माँ को एक जादूगर कहता हूँ, जो मेरे और मेरे परिवार के सभी दुखों को दूर कर देती हैं और बहुत सरे प्यार और देखभाल प्रदान करती हैं।

निष्कर्ष 

मेरी माँ मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा हैं जिन्होंने मुझे जीवन की सभी कठिनाइयों को पार करके अपने लक्ष्य हासिल करने, और बहादुर बनने की सीख दी। माँ ने हर पल मेरा ख्याल रखा है और वह मेरे जीवन का सबसे बड़ा आशीर्वाद है। माँ की भूमिका हमारे जीवन का सबसे अलग और सबसे अनमोल पल होता है। मेरी माँ एक सरल, विनम्र और जमीन से जुड़ी इंसान हैं। जो मुझे जीवन की सबसे कठिन चुनौतियों का सामना करना सिखाती है। माँ की भूमिका हर व्यक्ति के जीवन में अहम है। 

Essay on Mother in Hindi : माँ पर निबंध (700 शब्द)

आइये देखते हैं माँ पर निबंध 700 शब्दों में –

माँ एक परिवार में सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति है क्योंकि वह सभी के बीच की एक महत्वपूर्ण कड़ी होती है। वह परिवार की छोटी-छोटी जरूरतों को लेकर भी लगातार चिंतित रहती हैं। मेरा मानना है की भगवान यदि इस धरती पर अब तक जो भी सबसे बेहतरीन मनुष्य बनाया है, वह मां के रूप में है, क्योंकि वह बिना किसी शर्त के अपने बच्चों और परिवार को प्यार करती है।

माँ में है जीवन का महत्व

“माँ” सिर्फ एक शब्द नहीं है यह अपने आप में एक एहसास और प्यार है, जब हम माँ कहते हैं, तो हमारी कई समस्याएं कोई चमत्कार की तरह दूर हो जाती हैं। माँ एक पल के लिए भी निराश हुए बिना हमेशा खुश रखती है। माँ के बिना हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। माँ महत्व बचपन से बड़े होने तक रहता है, हम कितने भी बड़े हो जाये पर अपनी माँ के लिए हमेशा बच्चे ही रहते हैं। जैसे बचपन में 1 मिनट भी हम अपनी माँ से दूर होने से डरते थे वैसे ही जब हम बड़े हो जाते है तो माँ भी अपने बच्चों को खुद से दूर होने से डरती है। वो परियों की काल्पनिक कहानियां आज भी दिल को सुकून देती है। बचपन में चोट लगने पर वो झूठी भांप की पट्टी से सारा दर्द ठीक हो जाया करता था।  

जीवन की पहली टीचर माँ 

माँ हमें जितना प्यार करती है, उतना ही माँ हमें जीवन के हर उतार-चढ़ाव में आगये बढ़ने की प्रेरणा भी देती है। माँ ही अपने बच्चों को बहुत करीब और गहराई से जानती हैं। माँ की जरूरत हमें हमेशा होती है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम जीवन में कहाँ हैं, चाहे वे स्कूल जाना शुरू कर रहे हों, विदेश जाने की सोच रहे हों या जिंदगी में किसी बड़ी कठिनाईयों से गुजर रहे हों, हमें हमेशा अपनी माँ की मदद की ज़रूरत होती है। माँ अपने बच्चों को स्कूल जाने से पहले ही एक टीचर की तरह सिख देती है। बच्चे अपनी माँ से जो सीखते हैं वो शिक्षा उन्हें कोई नहीं दे सकता है। इस लिए हमेशा मन जाता है, की एक माँ बच्चे की पहली शिक्षिका होती है। 

सुपरवुमन होती है माँ 

माँ सिर्फ अपने बच्चों नहीं बल्कि पूरे परिवार को बहुत सहजता से संभालती है। वो घर के कामों के साथ बाहर की भी चीजों में हाथ बटाती है। जब इस दुनिया में प्यार, ईमानदारी और सच्चाई के बारे में सोचते हैं, तो सबसे पहले मां का चेहरा सामने होता है। माँ हमेशा मेरे लिए प्रेरणा का स्रोत रहती हैं। मेरे जीवन में अगर किसी इंसान की महत्वपूर्ण भूमिका है वो सिर्फ मेरी माँ की है। वह मेरे घर में हर सुबह उठने वाली पहली शख्स होती हैं। 

उसके बाद, वह बच्चों को स्कूल के लिए तैयार करती है। फिर वह हमारे और पापा के लिए स्वादिष्ट नाश्ता और दोपहर का खाना तैयार करती है, और हर दिन कुछ नया खाना हम सभी के लिए बनाती है। वह हमारे स्कूल के काम और पढ़ाई में हमारी मदद करती है। जब हममें से कोई बीमार हो जाता है तो वह ही हमारी चिंता में रात भर जागती रहती है। वह हमेशा हमारी भलाई, खास कर हमारी स्कूली शिक्षा और स्वास्थ्य के बारे में अत्यधिक चिंतित रहती हैं। जब हमें कोई चीज खाने की इच्छा होती है तो वो बिना आलास किये हमारे लिए तुरंत उसे बनती है, कभी कभी तो वो खुद भूखी सो जाती है, लेकिन कभी ये नहीं कहती कि आज ये चीज नहीं है। उसके जैसा त्याग कोई नहीं कर सकता है। 

हम जैसे जैसे बड़े होते हैं एक माँ की चिंता और अधिक बढ़ने लगती है, उसकी चिंता अपने बच्चों के करियर, स्वस्थ और दूर जाने के लिए होती है। जो माँ अपने बचों को एक पल दूर नहीं क्र सकती बड़े होते उसके बचे पढ़ाई और कमाने के लिए उससे दूर हो जाते हैं। हम कितने भी बड़े क्यों न हो जाये पर अपनी माँ को स्मेशा  वही प्यार और सामान देना चाहिए और कभी ये नहीं भूलना चाहिए उसने हमारे जीवन के लिए क्या क्या त्याग किये हैं।   

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मेरी माँ पर 10 लाइन 

मेरी माँ पर 10 लाइन्स कुछ इस प्रकार हैं –

  • मेरी माँ मुझसे बहुत प्यार करती है।
  • बच्चे की पहली गुरु माँ ही होती है, बचपन में माँ द्वारा सिखाई गई हर बातों के अनुसार ही बच्चे को संस्कार मिलते हैं।
  • माँ ही बच्चे की पहली और सबसे अच्छी दोस्त होती है, जिससे हम बिना किसी झिझक के अपने दिल की हर बात बता देते हैं।
  • मां महेश परिवार का पूरा ख्याल रखती हैं, वह हमेशा परिवार की खुशियों के बारे में सोचती हैं।
  • माँ सुबह 4 बजे उठ जाती है और घर का सारा काम करती है।
  • माँ मुझे स्कूल के लिए तैयार करती है और फिर मुझे स्कूल छोड़ती है।
  • हर रविवार मेरी माँ मेरे लिए मेरा पसंदीदा खाना बनाकर मुझे खिलाती है।
  • मेरी माँ मुझे अच्छी बातें सिखाती है, जब भी कोई समस्या होती है तो मेरी माँ मुझे अच्छी सलाह देती है।
  • मेरी माँ मुझे हर शाम पढ़ाती है और मेरा होमवर्क पूरा करने में मदद करती है।
  • मेरी माँ सुबह से शाम तक घर का काम करती है और पूरे परिवार की देखभाल करती है, इतना काम करने के बाद भी वह अपनी समस्याएँ किसी को नहीं बताती।

आशा है आपको ये Essay on Mother in Hindi का ब्लॉग पसंद आया होगा और इससे जुड़ी महत्वपूर्ण आपको मिली होगी। इसी तरह के अन्य निबंध से सम्बंधित ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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सीखने का नया ठिकाना स्टडी अब्रॉड प्लेटफॉर्म Leverage Eud. जया त्रिपाठी, Leverage Eud हिंदी में एसोसिएट कंटेंट राइटर के तौर पर कार्यरत हैं। 2016 से मैंने अपनी पत्रकारिता का सफर अमर उजाला डॉट कॉम के साथ शुरू किया। प्रिंट और डिजिटल पत्रकारिता में 6 -7 सालों का अनुभव है। एजुकेशन, एस्ट्रोलॉजी और अन्य विषयों पर लेखन में रुचि है। अपनी पत्रकारिता के अनुभव के साथ, मैं टॉपर इंटरव्यू पर काम करती जा रही हूँ। खबरों के अलावा फैमली के साथ क्वालिटी टाइम बिताना और घूमना काफी पसंद है।

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मेरी माँ पर निबंध | Essay on Mother in Hindi

Essay on Mother in Hindi : आज हम यहाँ  मेरी माँ पर निबंध  आपके लिए लिखा हैं. हर इंसान के जीवन में माँ का अहम योगदान होता हैं.

चाहकर भी माँ के ऋण की अदायगी एक जन्म में नहीं की जा सकती हैं. हमें इस दुनियां में लाने तथा संसार से परिचय माँ ही कराती हैं. अपनी माँ को समर्पित यह निबंध पढ़िये.

मेरी माँ पर निबंध Short Essay on Mother in Hindi

मेरी माँ पर निबंध | Essay on Mother in Hindi

कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 और 12 के लिए यहाँ हम Essay on Mother in Hindi साझा कर रहे हैं. बच्चे इस निबंध की मदद से माँ पर कुछ अनुच्छेद निबंध इत्यादि लिख सकेगे. चलिए अब हम 100, 250, 500 or 1000 में निबंध जानते हैं.

10 Lines दस वाक्य

(1) मैं अपनी माँ को ईश्वर का उपहार मानता हूँ.

(2) मां ही वह जीवात्मा हैं जो हर समय अपनी सन्तान की फ़िक्र में रहती हैं.

(3) मेरी माँ हमेशा मेरा हाथ बंटाने का प्रयत्न करती हैं.

(4) वह दिन के तीनों वक्त परिवार के सभी लोगों के लिए भोजन तैयार करती हैं.

(5) मेरी मां मेरे घर के प्रत्येक सदस्य का ख्याल करती है तथा उन्हें सम्मान देती हैं.

(6) जीवन में क्या गलत हैं क्या सही इसकी परख माँ ही सिखलाती हैं.

(7) बिना शर्त मेरी माँ स्वयं खुश रहकर पूरे परिवार को खुश रखती हैं.

(8) हमारे घर आने वाले प्रत्येक मेहमान की खातिरदारी करती हैं.

(9) आज की माताएं नौकरी करके भी संतानों का पेट भरने के काबिल हैं.

(10) मेरी माताजी सह्रदय दयालु एवं धार्मिक विचारों की हैं वह मुशीबत में सबका साथ देती हैं.

100 words Essay On My Mother In English Language

mother is an important member of the family. my mother is a noble lady. her name is Mrs. Sudha she is a pious lady. she is b.a, b.e.d. she is a teacher. she is a religious lady. she says the prayer to god every day.

she cooks meals, washes clothes, and brings us up. she is active in her habits. he has a deep love for us. she is a kind lady. she believes in giving alms to the poor. she tells us stories from the Ramayana and Mahabharat.

we respect our mother. we feel her absence when she is out of the station. I am proud of my mother. may she live long?

मेरी माँ पर निबंध (100 शब्द)

मां परिवार का एक महत्वपूर्ण सदस्य है। मेरी मां एक महान महिला है। उसका नाम श्रीमती सुधा है वह पवित्र दिल की महिला है। मेरी माँ बी.ए., बी.ई., विद्यालय शिक्षक है। वह एक धार्मिक महिला है। वह हर दिन भगवान से प्रार्थना करती है।

वह भोजन बनाती है, कपड़े धोती है और हमें जगाती है। वह अपने कामकाज में हर वक्त व्यस्त रहती है। उनके दिल में सभी सदस्यों के लिए गहरा प्यार है। वह एक दयालु महिला है। वह गरीबों को दान देने में विश्वास करती है। वह हमें रामायण और महाभारत की कहानियां सुनाती है।

हम अपनी मां का सम्मान करते हैं। जब वह कभी घर से बाहर होती है तो हम उसकी अनुपस्थिति महसूस करते हैं। मुझे मेरी मां पर गर्व है। भगवान उनका आसरा सदा हम पर बनाए रखे.

Short Essay on Mother in Hindi 150 words

मेरी प्यारी माँ ‘मेरे जीवन का सबसे अहम है। वह हमारे लिए सब कुछ करती है। वह बहुत ही दयालु एवं ध्यान रखने वाली हैं. मेरी मां एक गृहिणी है वह उन लोगों में से एक हैं जिन्हें मैं सबसे ज्यादा सम्मान और प्यार करता हूं।

दिनभर काम में व्यस्त रहने के उपरान्त भी वह मेरे लिए वक्त निकाल कर पढ़ाई में मेरी मदद करती हैं वे हमारे साथ खेलती हैं वह संघर्षशील महिला हैं तथा मैंने अपनी माँ को कभी धैर्य खोते हुए नहीं देखा हैं. वह स्वयं पर भरोसा कर मुसीबत से लड़ने में विश्वास करती हैं.

माँ की दी यह सीख मुझे जीवन में बहुत काम आती हैं वाकई में परेशानी आने पर हथियार डाल देने की बजाय उससे लड़कर पार पाने में संतुष्टि मिलती हैं वह किसी और में नहीं हैं. हमें अपनी माँ को प्यार करना चाहिए तथा वृद्धावस्था में अपने माता पिता का ध्यान रखना एक सन्तान का दायित्व हैं.

Best Essay on Mother in Hindi 250 words

मुझे अच्छी तरह याद हैं, जब मैं अपनी माँ का हाथ पकड़कर उन्हें वैष्णो देवी की चढ़ाई पर ले गया था. तब मेरी उम्रः मात्र छः वर्ष की थी. मुझे वो दिन भी याद हैं, जब मेरे पिताजी मुझे अपने कंधे पर बिठाकर मेला दिखाने ले गये थे और मैंने झुला झुलाया था. तथा गुब्बारा भी दिलाया था.

मेरे माता-पिता मुझे बहुत प्यार करते हैं, जब मैं बीमार पड़ जाता तो माँ पिताजी दोनों रात रात जागते थे. तेज बुखार होने पर माँ मेरे माथे पर पानी में भिगोकर पट्टी बांधते थे तो माँ अपने पल्लू से मेरे हाथ व पैर के पजों को झाडती रहती थी ताकि मेरा बुखार जल्दी से उतर जाए.

मेरे ह्रदय में मेरे माता पिता के प्रति असीम आदर हैं. मैं नित्य सुबह उठकर अपने माता पिता के चरण स्पर्श करता हूँ. फिर वे मुझे आशीर्वाद देते हैं. मैं सोचता हूँ कि मेरे माता पिता की छत्रछाया मुझ पर सदैव बनी रहे.

ताकि मुझे हमेशा उनका आशीर्वाद और लाड दुलार मिलता रहे. मेरे मम्मी पापा मेरे लिए सब कुछ त्याग करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं और मैं भी उनकी हरेक इच्छा पूरी करने के लिए हमेशा तैयार रहता हूँ. मेरे आदरणीय माता पिता दुनियां के सबसे अच्छे माता पिता हैं.

Meri Maa Par Nibandh 500 Word

वैसे तो लोग कहते हैं कि नारी अबला होती है परंतु मेरी नजर में नारी अबला नहीं बल्कि बहुत ही शक्तिशाली होती है क्योंकि जो लोग नारी को अबला और कमजोर समझते हैं वह लोग नारी से ही पैदा होते हैं। नारी एक ऐसी शक्ति होती है जो एक नए जीव को इस धरती पर पैदा करती है।नारी को हम बहन, मां,पत्नी के रूप में जानते हैं।

मेरी मां भी एक नारी है, स्त्री है जो कमजोर नहीं है। हम अपनी मां को किसी भी प्रकार से कमजोर नहीं मान सकते क्योंकि एक मां अपने बच्चे पर संकट आने पर भगवान से भी लड़ सकती है।

मेरी मां का नाम सुनीता देवी है जो बहुत ही प्यारी है।जब हम आराम से सुबह सोते होते हैं,तो मेरी मां सबसे पहले हमारे घर में उठ जाती है और घर में सबसे पहले उठने के बाद वह पूरे घर की साफ सफाई करती है।

उसके बाद स्नान करती है और फिर भगवान की पूजा करती है और जब हम स्कूल जाने के लिए तैयार होते हैं तब वह स्कूल जाने के लिए तैयार होने में हमारी सहायता करती है और स्कूल ले जाने के लिए हमें टिफीन भी बना कर देती है।

मेरी मां मेरे पिताजी के अलावा मेरे दादा दादी की भी पूरी देखभाल करती है और उनकी हर सुख सुविधा का ख्याल रखती है। मेरी दादी कहती है कि मेरी मां उनकी सबसे पसंदीदा बहू है। मैं खुद भी अपनी मां की सारी बातें मानता हूं और वह भी मेरी सारी बातें मानती है।

अच्छी पढ़ी-लिखी होने के कारण मेरी मां घर का काम निपटाने के बाद नौकरी करने के लिए भी जाती है और वह घर के काम और ऑफिस के काम में अच्छा सामंजस्य बैठाकर चलती है।

मेरी मां का स्वभाव बहुत ही मिलनसार और हंसमुख है, इसीलिए हर कोई उनकी तरफ स्वाभाविक तौर पर अट्रैक्ट होने लगता है।

मेरी मां अपने काम को पूरी जिम्मेदारी के साथ निभाती है,इसीलिए ऑफिस में हर कोई उनकी तारीफ करता है। मेरी मां सिर्फ मेरी मां ही नहीं बल्कि वह मेरी सबसे अच्छी दोस्त भी है।

अगर मुझसे किसी भी प्रकार की गलती हो जाती है तो मेरी मां मुझे मारती नहीं है बल्कि मुझे प्यार से समझाती है। 

जब मैं कभी दुखी हो जाता हूं तो बिना कुछ कहे ही मेरी मां को मेरे दुख के बारे में पता चल जाता है क्योंकि मां आखिर मां होती है और मां से ज्यादा अपनी संतान का दुख और कौन समझ सकता है।

जब मेरी मां मुझे प्यार से समझाती है,तब मैं अपने सारे दुख भूल जाता हूं और फिर से मेरे चेहरे पर मुस्कान आ जाती है।

मेरी मां हमेशा मुझे और सभी बच्चों को अच्छी अच्छी बातें बताती हैं और वह कभी भी किसी बच्चे के बारे में कोई भी बुरी बात ना तो कहती हैं ना हीं सुनती है।

मेरी मां मेरे लिए एक आदर्श व्यक्ति है। वह हमें जिंदगी में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है,साथ ही जिंदगी में कभी भी किसी के साथ छल कपट ना करने के लिए भी कहती है और हमेशा हमें सही रास्ते पर चलने के लिए कहती हैं।

मैं अपनी मां से बहुत ज्यादा प्यार करता हूं और मैं भगवान का इस बात के लिए शुक्रिया अदा करना चाहता हूं कि उन्होंने मुझे इतनी अच्छी मा‌ दी।

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हम आशा करते हैं दोस्तों मेरी माँ पर निबंध Short Essay on Mother in Hindi का यह लेख आपकों अच्छा लगा होगा.

यहाँ दिया गया शोर्ट निबंध आपकों कैसा लगा कमेंट कर जरुर बताए साथ ही पसंद आया हो तो अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे.

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